पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बढ़ रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर सुनवाई के दौरान आरबीआइ के खिलाफ कड़ी नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा कि आरबीआइ की लापरवाही के कारण मनी लॉन्ड्रिंग का केस बढ़ रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर आरबीआई को गंभीरता दिखाने की बात करते हुए कोर्ट ने कहा कि संस्था को इसके प्रति सजग होने की जरुरत है.
कोर्ट ने कहा कि आरबीआइ द्वारा कानून में ढील देने का नतीजा है कि मनी लॉन्ड्रिंग का केस बढ़ रहा है. शातिर लोग इस कानून का फायदा उठा गरीब लोगों का पैसा अपने यहां जमा कराते हैं और कुछ दिनों के बाद पूरा पैसा ले फरार हो जाते हैं . इसमे पैसा जमा कराने वाले एजेंट फंस जाते हैं .
लोग उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देते हैं जबकि एजेंट अपने कमीशन के लालच में लोगों का पैसा जमा कराते हैं. बिहार में करीब सात सौ निधि कंपनियां है जो लोगों से बैंक की तरह पैसा जमा करा रही हैं, जबकि निधि कंपनी पैसों का लेनदेन नहीं कर सकती है. बावजूद इसके निधि कंपनी पैसों का लेनदेन धड़ल्ले से कर रही हैं. आरबीआइ का इस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने का फायदा निधि कंपनी उठा रही हैं .
आरबीआइ के आंतरिक जांच इकाई के रिपोर्ट के तहत निधि कंपनी अपने आप को बैंक मान काम कर रही हैं. कोर्ट ने बिहार में बढ़ रहे मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर एक लोकहित याचिका दर्ज करने का आदेश हाइकोर्ट प्रशासन को दिया है .
हाइकोर्ट प्रशासन ने लोकहित याचिका दर्ज करने के लिए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल से अनुमति देने के लिए संबंधित संचिका को भेजा है. मुख्य न्यायाधीश से अनुमति मिलते ही हाइकोर्ट प्रशासन द्वारा एक लोकहित याचिका हाइकोर्ट में दायर कर कार्रवाई शुरू की जायेगी. आगे की सुनवाई अगली तारीख पर होगी.