पटना. राज्य सरकार ने एक आइएएस और दो आइपीएस अधिकारियों पर लगे आरोप की जांच करने का आदेश दिया है. इनमें गया के तत्कालीन डीएम अभिषेक कुमार सिंह, वहां के तत्कालीन आइजी अमित लोढ़ा और तत्कालीन एसपी आदित्य कुमार शामिल हैं. इन तीनों पर गया में तैनाती के दौरान पद का दुरुपयोग करने और कुछ स्तर पर धांधली बरतने का आरोप है. सभी पहलुओं पर जांच करने के बाद प्रथम दृष्टया आरोप सही पाये गये. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग व गृह विभाग के स्तर से इन अधिकारियों पर आरोप गठित कर कार्रवाई करने के लिए अंतिम अनुमति प्राप्त करने को सरकार के समक्ष अनुशंसा भेजी गयी.
अंतिम स्तर पर आदेश प्राप्त होने के बाद इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अब इनके खिलाफ लगे आरोपों की कार्रवाई के लिए यह मामला आर्थिक अपराध इकाई या विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) को भी ट्रांसफर किया जा सकता है. वर्तमान में आइएएस अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह फरवरी, 2022 में अपने मूल कैडर त्रिपुरा लौट गये हैं. गया में जनवरी, 2018 में उन्होंने पदभार संभाला था और करीब तीन साल वहां डीएम रहे. इनके कार्यकाल के दौरान यहां के वन क्षेत्रों में पेड़ों की बड़ी संख्या में अवैध कटाई के मामले सामने आये थे. इसमें इनके स्तर से रोकथाम को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी थी. इसकी रिपोर्ट वन विभाग के स्तर से भी सरकार को सौंपी गयी थी.
वहीं, तत्कालीन आइजी और एसपी के बीच पद के वर्चस्व को लेकर जोरदार लड़ाई हुई थी. शहर के थानों में आरोपित प्रभारी को हटाने और बचाने को लेकर दोनों अधिकारियों के बीच जोरदार खींचतान हुई थी. मामला इतना बढ़ गया कि अंत में पुलिस मुख्यालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों को मुख्यालय बुलाकर वेटिंग फॉर पोस्टिंग के तौर पर कुछ दिनों के लिए रखा गया. फिर सरकार ने कुछ दिन पहले इनकी पोस्टिंग मुख्यालय में अलग-अलग स्थानों पर कर दी. लेकिन, आरोप सही पाये जाने के बाद इनके खिलाफ यह विभागीय कार्रवाई की गयी है. इसके अलावा इन पर बालू एवं अवैध शराब तस्करों के साथ सांठगांठ के भी आरोप लग चुके हैं.
राज्य सरकार ने राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू पर मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया है. एक पुराने मामले में विधि विभाग के स्तर से इस मामले को उपर्युक्त पाते हुए उन पर मुकदमा करने की अनुमति दी गयी है. रॉबर्ट एल चोंग्थू 2003 के आसपास जब सहरसा में डीएम थे, तो उस समय वहां के एक व्यक्ति को हथियार का लाइसेंस जारी किया गया था. लेकिन, इस लाइसेंसधारी व्यक्ति का कोई सही ट्रेस ही नहीं है. यानी उसका नाम, पता और पहचान सही नहीं थी. इन तथ्यों की जांच कराये बिना ही यह आर्म्स लाइसेंस जारी कर दिया गया था. बाद में शिकायत होने पर जांच की गयी, तो पूरी हकीकत सामने आयी.
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अभिषेक कुमार सिंह के कार्यकाल में गया के वन क्षेत्रों में पेड़ों की अवैध कटाई का आरोप
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गया में पदस्थापन के दौरान अमित लोढ़ा व आदित्य कुमार के बीच पद के वर्चस्व को लेकर हुई थी खींचतान, बालू एवं अवैध शराब तस्करों के साथ सांठगांठ के भी लग चुके हैं आरोप
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अब इनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए यह मामला इओयू या एसवीयू को किया जा सकता है ट्रांसफर