आग से क्षतिग्रस्त हुए विश्वेश्वरैया भवन की चौथी मंजिल तक के कार्यालय सोमवार से खुल सकेंगे. फिलहाल, पांचवीं और छठी मंजिल के कार्यालयों को बंद रखा जायेगा. इन कार्यालयों को किसी दूसरे भवन में शिफ्ट करने तैयारी की जा रही है.
यह निर्णय आइआइटी, पटना के तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा सौंपी गयी जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. इसी टीम की अध्यक्षता आइआइटी, पटना के सिविल एवं पर्यावरण अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वैभव सिंघल ने की. विश्वेसरैया भवन में 11 मई को भीषण आग लगी थी.
शुक्रवार को आइआइटी पटना के विशेषज्ञों की टीम ने विश्वेश्वरैया भवन की हर मंजिल पर जाकर सुरक्षा के प्रत्येक कोण से जांच की. विशेषज्ञों की टीम ने चौथी मंजिल तक भवन को सुरक्षित पाया. वहीं, पांचवीं और छठी मंजिल की सफाई करवाने के बाद एक बार फिर से जांच की जरूरत बतायी. टीम ने अपनी लिखित रिपोर्ट भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि को दे दी.
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आग लगने से सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण कार्य विभाग को हुआ है. इस विभाग का अधिकतर कार्य पांचवीं मंजिल से ही संचालित होता था. विभाग को मुख्य सचिवालय के विस्तारित भवन में पर्यटन निगम के कार्यालय के पास जगह मिलने की संभावना है. उम्मीद है कि सोमवार से ग्रामीण कार्य विभाग के कर्मी नये स्थल से बैठकर काम कर सकेंगे. फिलहाल ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव और चीफ इंजीनियर सहित अन्य आला अधिकारी पुल निर्माण निगम के कार्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं.
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने कहा कि आइआइटी पटना के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद चौथी मंजिल तक सामान्य कर्मियों के प्रवेश की इजाजत दे दी गयी है. शनिवार और रविवार काे चौथी मंजिल तक बिजली के वायरिंग की जांच की जायेगी. साेमवार से यहां सामान्य कामकाज हो सकेगा. पांचवीं और छठी मंजिल पर सिर्फ सफाईकर्मी जा सकेंगे. कर्मियों के लिए वहां प्रवेश की इजाजत नहीं है. सफाई के बाद आइआइटी पटना के विशेषज्ञों फिर से जांच करेंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जायेगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan