Coronavirus, Long covid effect: पूरी दुनिया के लिए कोरोना आफत का पर्याय बन चुका है. इसका कहर अभी भी थमा नहीं है. दुनिया के कई देशों में अभी भी कोरोना की रफ्तार डरा रही है. इस बीच लैंसेट मैग्जीन की स्टडी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. लैंसेट मैग्जीन ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि कोरोना से रिकवरी करने के दो साल भी संक्रमितों में कोरोना के कुछ लक्षण देखे जा रहे हैं.
क्या है स्टडी का दावा
बता दे, बीते मंगलवार को लैंसेट मैग्जीन ने अपनी एक स्टडी प्रकाशित की थी, जिसमें दावा किया गया है कि वैसे लोग जो कोरोना से संक्रमित हुए थे, उनमें संक्रमण के दो साल बाद भी कोरोना के कुछ लक्षण मौजूद रहते हैं. यह अध्ययन चीन में किया गया. स्टडी में पाया कि साल 2020 में चीन में जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे उनमें कोविड के एक-दो लक्षण अभी भी मौजूद थे.
NEW—Two years after infection, half of people hospitalised with #COVID19 have at least one symptom, follow-up study suggests. Read in @LancetRespirMed: https://t.co/AP1sdkAcCG pic.twitter.com/X2TNYuJtix
— The Lancet (@TheLancet) May 11, 2022
जरूरी है स्वास्थ्य की देखभाल करना
स्टडी में कहा गया है कि जो लोग कोरोना संक्रमण से ग्रसित हुए हैं, उन्हें स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. स्टडी में कहा गया है कि, अगर स्वास्थ्य का विशेष ध्यान नहीं देने से इसकी संभावना रहती है कि यह वायरस शरीर को और कमजोर कर दे. स्टडी में कहा गया है कि लॉन्ग कोविड गंभीर संक्रमण (Long Covid Infection) के बाद 2 साल तक इसका असर रह सकता है. ऐसे में साफ है कि, ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक इसकी निगरानी जरूरी है.
लॉन्ग कोविड (Long Covid) का खतरा
गौरतलब है कि लॉन्ग कोविड ऐसी स्थिति है जब सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के लक्षण प्रारंभिक चरण के बाद महीनों तक बने रहते हैं. इसकी ज्यादा खतरा वैसे मरीजों को होता है जो पहले से ही गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों या वो डायबिटीज से ग्रसित हो. कैलिफोर्निया और लॉस एंजेलिस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी जांच में पाया कि, ऐसे मरीजों को लॉन्ग कोविड से पीड़ित होने की संभावना अधिक रहती है.
लॉन्ग कोविड के लक्षण
स्टडी में यह बात सामने आयी है कि कोरोना के कई मरीज लॉन्ग कोविड से ग्रसित हो रहे हैं. बात करें लांग कोविड के लक्षण की लॉन्ग कोविड के सबसे सामान्य लक्षण थकान, मांसपेशियों में दर्द, अच्छी नींद ना आना, शारीरिक तौर पर धीमा हो जाना के साथ-साथ सांस फूलना शामिल है. रिसर्च में यह भी सामने आया है कि, सुधार के बावजूद आम इंसान की तुलना में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों का स्वास्थ्य कमजोर ही रहता है. इससे जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.