Varanasi News: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव वाराणसी और चंदौली दौरे पर थे. अखिलेश यादव वाराणसी एयरपोर्ट से निकलकर चंदौली के मनराजपुर कांड में मृतक निशा यादव के परिजनों से मिलने पहुंचे. चंदौली से वे सीधे वाराणसी के जिला जेल पहुंचे. जेल पहुंचने पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अति उत्साही हो गए. जब अखिलेश जेल के अंदर जाने लगे तब कार्यकर्ताओ ने भी जेल में घुसने का प्रयास किया. आपाधापी के बीच समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जेल में मौजूद पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोंक और जमकर धक्का-मुक्की हुई.
जिला जेल से बाहर निकलते समय सपा सुप्रीमो ने कहा कि ये वो सपाई हैं जो लोकतंत्र पर आ रहे खतरे को बचाने के लिए ईवीएम से भरा हुआ ट्रक पकड़ा था. ये वही समाजवादी साथी हैं जो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल में गए. सपा अपने इन साथियों की पूरी लीगल मदद करेगी. सवाल ये है कि इलेक्शन कमीशन के बाकायदा नियम थे कि किन नियमों के तहत इवीएम एक जगह से दूसरे जगह जाएगी. उस समय इन नौजवानों व तमाम संगठन ने पार्टियों ने यह आवाज उठाई थी. उस समय इलेक्शन कमीशन ने भी स्वीकार किया था कि गलती हुई है. वहां के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात उठी थी.
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उन्होंने कहा कि नियमत: जब तक आप पार्टी और प्रत्याशी को सूचित नहीं करेंगे तब तक आप ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते हैं. विरोध करने जिन्हें जेल में डाला गया है वे निर्दोष हैं. प्रशासन ने 600 से ज्यादा लोगों को जेल में डाल रखा है. उन्होंने कहा कि ये इसलिए किया गया है कि किसी भी सपाइयों को परेशान किया जा सके. इस सरकार में जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा है. मुस्लिम भाई जो रोजे पर थे उन्हें भी सरकार ने उठाकर यहां बंद कर चुकी है. उनकी ईद भी यहीं मनी है. दुःख की बात है कि सरकार भेदभाव से काम कर रही है.
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उन्होंने चंदौली कांड पर कहा, ‘मैं चंदौली में पीड़िता के घर गया था. क्या कोई कल्पना कर सकता है कि पुलिस दबिश के वक्त ये अन्याय करेगी. पुलिस को किसने अधिकार दिया है कि आप घर में मारपीट करें. किस कानून में यह अधिकार है कि आप जाकर के बेटियों को मारेंगे-पिटेंगे? पुलिस की पिटाई की ही वजह से बेटी की जान गई है. पुलिस को 302 धारा के अंतर्गत बंद करना चाहिए.’
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उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की यही चाल है कि जो भी पिछड़ा है वह सिर्फ पिछड़े से बोले. इसीलिए तो वे सब पिछड़े हैं. उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है कि पिछड़ों के सब अधिकार छिन गए. पिछड़ों की नौकरियां छीन गईं. पिछड़े दलितों-मुसलमानों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं. बीजेपी जान-बूझकर हिंदुत्व का मुद्दा उठाती है. बीजेपी चाहती है कि लोग बेरोजगारी व महंगाई के मुद्दे पर ध्यान न दें इसलिए हिंदुत्व का मुद्दा उठाने वाले लोगों को बीजेपी फाइनेंस करती है.
रिपोर्ट : विपिन सिंह