13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजद्रोह का कानून रहे, पर दुरुपयोग रोकने को बने दिशा-निर्देश, सुप्रीम कोर्ट में बोले एजी वेणुगोपाल

‘हनुमान चालीसा' का पाठ करने के आरोप में एक सांसद के खिलाफ महाराष्ट्र में राजद्रोह की धारा लगाये जाने को इसके दुरुपयोग के उदाहरण के रूप में पेश किया.

नयी दिल्ली: सरकार के सबसे बड़े कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राजद्रोह के दंडात्मक प्रावधान को बनाये रखने की आवश्यकता है, हालांकि इसका दुरुपयोग रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किये जा सकते हैं.

राजद्रोह का दुरुपयोग

उन्होंने ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने के आरोप में एक सांसद के खिलाफ महाराष्ट्र में राजद्रोह की धारा लगाये जाने को इसके दुरुपयोग के उदाहरण के रूप में पेश किया. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि केदारनाथ सिंह मामले में पांच जजों की पीठ का 1962 का फैसला राजद्रोह के बारे में अंतिम शब्द है.

इस पर बड़ी पीठ द्वारा पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है. शीर्ष अदालत राजद्रोह के औपनिवेशिक दंडात्मक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई कर रही थी.

Also Read: राजद्रोह मामला : फिल्म मेकर आयशा सुल्ताना रविवार को पुलिस के समक्ष होंगी हाजिर, बोलीं- लक्षदीप के लोगों के लिए जारी रखेंगी संघर्ष

1962 में पांच जजों की पीठ ने राजद्रोह को बरकरार रखा

केदारनाथ सिंह मामले में 1962 में पांच सदस्यीय पीठ ने दुरुपयोग के दायरे को सीमित करने का प्रयास करते हुए राजद्रोह कानून की वैधता बरकरार रखी थी. उस फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक उकसावे की कार्रवाई नहीं होती या हिंसा का आह्वान नहीं किया जाता, तब तक सरकार की आलोचना को राजद्रोह का अपराध नहीं माना जा सकता.

10 मई को फिर होगी सुनवाई

वेणुगोपाल इस मामले में व्यक्तिगत क्षमता से पीठ की मदद कर रहे हैं, न कि केंद्र सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी के तौर पर. उन्होंने कहा कि 1962 का यह फैसला संतुलित निर्णय है, जो बोलने की आजादी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाता है. पीठ ने अंत में कहा कि वह याचिकाओं में उठाये गये कानूनी सवाल पर 10 मई को बहस सुनेगी. इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में सोमवार तक अपना जवाब सौंपने का निर्देश दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें