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प्रेम, सद्भाव और बंधुत्व के संदेश से गुलजार हुआ पटना का गांधी मैदान; कलाकारों ने गाया प्रेम का जनगीत

पटना के गांधी मैदान के एक छोर पर कलाकार, संस्कृतिकर्मी स्वागत कर रहे हैं इप्टा के "ढाई आखर प्रेम" की सांस्कृतिक यात्रा की इसके साथ ही ज़िंदा रहने, प्यार करने, मिलजुल कर रहने के गीतों की भी प्रस्तुति हो रही है.

गांधी मैदान एक छोर पर पटना के कलाकार, संस्कृतिकर्मी स्वागत कर रहे हैं इप्टा के “ढाई आखर प्रेम” की सांस्कृतिक यात्रा की. ज़िंदा रहने, प्यार करने, मिलजुल कर रहने के गीतों की प्रस्तुति हो रही है. नाटकों से आज के समय और हालत पर व्यंग्य किया जा रहा और नेहरू के द्वारा असली भारत माता के दर्शन हो रहे हैं.

9 अप्रैल से सांस्कृतिक यात्रा जारी है

मौका था इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा” ढाई आखर प्रेम” के पटना श्रृंखला के तहत गांधी मैदान में केंद्रीय जत्था की प्रस्तुति का. बड़ी संख्या में पटना के कवि, कथाकार, रंगकर्मी, संगीतकार और गायक उपस्थित थें. सब केंद्रीय जत्था में शामिल युवाओं, वरिष्ठ साथियों को सराह रहे थे. बिना थके, बिना रुके पिछले 9 अप्रैल से सांस्कृतिक यात्रा अनवरत जारी है. छत्तीसगढ़, झारखण्ड होते हुए 18 अप्रैल से बिहार गली, गांव, कस्बे में घूम रही है. पटना 21वाँ जिला और गांधी मैदान 136वाँ स्थान है जहां कलाकार बात कर रहे हैं जिंदा रहने की, प्यार करने की, बंधुत्व के साथ रहने की. उस विरासत को बचाने कि को हमारी आज़ादी की धरोहर है. हिन्दुस्तान की आत्मा है.

बिहार इप्टा के सचिव ने की कार्यक्रम की शुरुआत 

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बिहार इप्टा के सचिव फीरोज अशरफ खां ने कहा कि 75 साल के भारत में बिहार इप्टा का 75वां साल मानने का यह अनूठा जश्न है. बीस दिनों तक लगातार गांव, गली, मोहल्ले, चौक चौराहे पर यह जत्था गीत गाता, नाटक करता मिल जायेगा. बस एक ही अपील सबको प्यार, मोहब्बत, बंधुत्व के साथ रहना है. हजारों साल की हमारी साझी विरासत को कोई ऐसे ही बर्बाद नहीं कर सकता. हमें अपना संविधान बचाना है.

8 मई तक बिहार में चलेगी यात्रा 

फीरोज अशरफ खां ने बताया कि बिहार में 18 अप्रैल से 8 मई 2022 तक ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, सिवान, सारण, वैशाली, नालन्दा, पटना और भोजपुर में घूम रही है. 8 मई को कबीर के गांव चंदौली पहुंच यात्रा उत्तर प्रदेश में अलख जगाएगी और 22 मई को इंदौर मध्यप्रदेश में समाप्त होगी.

आम अवाम इस यात्रा का हिस्सा हैं 

बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख़्तर ने कहा कि सामाजिक सद्भाव, बंधुत्व और प्रेम के लिए ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा का हिस्सा आम अवाम, किसान मजदूर और युवा हैं. कलाकार, साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी हैं जो नमन कर रहे हैं आजादी के नायकों का, जन सांस्कृतिक आन्दोलन के पुरखों का. दशरथ लाल, केसरी नंदन, अधिक लाल, डा० एस एम घोषाल, सिस्टर पुष्पा, ए के सेन, जोगमाया सेन, नचारी झा, राधेश्याम सिन्हा, ब्रज किशोर प्रसाद, जस्टिस अली अहमद, ब्रह्मदेव प्रसाद, विंध्यवासिनी देवी, पंडित सियाराम तिवारी, रामशरण शर्मा, रामेश्वर सिंह कश्यप, कविवर कन्हैया, राजनंदन सिंह राजन, ललित किशोर सिन्हा, कृष्ण नंदन वार्ष्णेय, विनय कुमार कंठ, डेजी नारायण, आदि को याद करता जिंदगी के गीत गाता यह जत्था कदम से कदम मिलाने का आह्वान करता है.

कार्यक्रम की शुरूआत जनगीत के गायन से हुई

भिखारी ठाकुर रंगभूमि, गांधी मैदान में कार्यक्रम की शुरूआत जनगीत के गायन से हुई. केंद्रीय जत्था के आगमन के बाद मध्य प्रदेश के युवा साथी मृगेंद्र ने “ढाई आखर प्रेम” की सांस्कृतिक यात्रा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. इसके बाद केंद्रीय जत्था द्वारा यात्रा गीत ” ढाई आखर प्रेम के हम सबको सुनाने आए हैं” की प्रस्तुति की गई.

प्रो० तरुण कुमार ने केंद्रीय जत्था का स्वागत किया

पटना विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक प्रो० तरुण कुमार ने केंद्रीय जत्था का स्वागत किया और आज के वक्त में प्रेम सद्भाव और बंधुत्व के महत्व पर अपनी बातें रखीं. नागार्जुन की कविता “प्रेत का बयान” की नाटकीय प्रस्तुति केंद्रीय जत्था के कलाकारों ने प्रस्तुत किया और सुमंत, राजेश जोशी एवं संजय की कविताओं का पाठ किया गया. इप्टा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मंडल के साथी शैलेंद्र ने आज के हालत और संस्कृति कर्म की चुनौती पर अपनी बात रखी. अमन के द्वारा जवाहर लाल नेहरू की किताब ” भारत एक खोज” से ” भारत माता कौन है” की नाटकीय प्रस्तुति की गई.

संजय कुंदन के नाटक “हंसमुख नवाब” की प्रस्तुति

जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा प्रेरणा के वरिष्ठ साथी और नाटककार हसन इमाम ने सांस्कृतिक यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि आज वक्त में IPTA का यह अभियान साहस से भरा काम है और हम सब इस अभियान के हिस्सा हैं. वरिष्ठ चिकित्सक और बिहार IPTA के उपाध्यक्ष डा० सत्यजीत ने कहा कि आज़ादी के पहले इप्टा ने बंगाल की भूख के लिए पूरे देश को आंदोलित किया था और आज प्रेम और बंधुत्व के लिए इप्टा पूरे देश में घूम रहा है. इस अवसर पर जन गीत और पीयूष सिंह निर्देशन में संजय कुंदन के नाटक “हंसमुख नवाब” की प्रस्तुति की गई.

धन्यवाद ज्ञापन इप्टा के सचिव फीरोज अशरफ खां ने किया

जत्थे में आज शैलेन्द्र कुमार, उपेन्द्र मिश्र, अमिताभ पाण्डे, मित्रा सेन मजूमदार, संतोष कुमार, वर्षा आनंद, शिवानी झा, पियुष सिंह, शाकिब खान, अजीत कुमार, अमन, सूरज,अक्षत, अखिल, संजय, किसलय, सुमंत, रिशान और आदित्य आदि इप्टा के सांस्कृतिक यात्रा में चल रहे हैं. कल यह जत्था पटना के विभिन्न कॉलेज में घूमने के बाद बिहटा में अपने अभियान चला कर भोजपुर के लिए प्रस्थान करेगा.

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