नई दिल्ली : अगर आप पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है और वह यह है कि ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट (बीए.4 और बीए.5) पहले से संक्रमित लोगों की एंटीबॉडी को आसानी से चकमा दे सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने अपने एक स्टडी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है कि ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट (बीए.4 और बीए.5) पहले से संक्रमित लोगों की एंटीबॉडी को चकमा देने में सक्षम हैं. हालांकि, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में राहत वाली बात यह कही है कि जिन लोगों ने एंटी-कोविड वैक्सीन की खुराक ले रखी है, उनके रक्त में ये दोनों वेरिएंट आसानी से पनप नहीं पाते हैं, लेकिन उन्होंने यह आशंका भी जाहिर की है कि ओमिक्रॉन के ये दोनों नए वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पांचवीं लहर पैदा कर सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने 39 लोगों के रक्त के नमूनों का किया विश्लेषण
बताते चलें कि अभी पिछले महीने ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन के दो नए उपवर्ग (बीए.4 और बीए.5) को अपनी निगरानी सूची में शामिल किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के कई संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पिछले साल के अंत में ओमिक्रॉन से संक्रमित करीब 39 लोगों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया है. इस विश्लेषण में जिन लोगों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया गया, उन प्रतिभागियों में से करीब 15 लोगों ने एंटी-कोविड वैक्सीन की खुराक लगा रखी थी. इनमें से आठ लोगों ने फाइजर की जबकि सात लोगों ने जे एंड जे की वैक्सीन लगाई थी. वहीं, प्रतिभागियों में 24 लोगों ने किसी प्रकार की वैक्सीन नहीं लगवाई थी.
वैक्सीन नहीं लेने वालों के शरीर में तेजी से घटती है एंटीबॉडी
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों के इस विश्लेषण में वैक्सीनेटेड ग्रुप के लोगों के रक्त के नमूनों में करीब 5 गुना अधिक न्यूट्रलाइजेशन क्षमता दिखाई दी और उन्हें इससे बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जिन लोगों ने एंटी-कोविड की वैक्सीन नहीं लगाई है, उनके रक्त के नमूनों को बीए.4 और बीए.5 संक्रमित नमूनों के संपर्क में आने पर एंटीबॉडी के बनने में करीब आठ गुना की कमी देखी गई. इसके साथ ही, उनके अंदर ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट बीए.1 का लक्षण भी पाया गया. वहीं, जिन लोगों ने वैक्सीन लगा रखी है, उनकी एंटीबॉडी बनने में करीब तीन गुना की ही कमी देखी गई.
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दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पांचवीं लहर आने की आशंका
चौंकाने वाली बात यह है कि वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पांचवीं लहर आने की आशंका जाहिर की है. उन्होंने यह भी कहा है कि इस दौरान ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट बीए.4 और बीए.5 तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका की करीब 6 करोड़ की आबादी में से अब तक केवल 30 फीसदी को ही एंटी-कोविड वैक्सीन की खुराक लगाई जा सकी है. वैज्ञानिकों के अध्ययन में यह आशंका जाहिर की जा रही है कि ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट बीए.4 और बीए.5 दक्षिण अफ्रीका में महामारी की एक नई लहर लाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
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