पटना. भागलपुर के सुल्तानगंज में करीब 1,710 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अगुवानी पुल मुख्यमंत्री नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. इस पुल के गिरने पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करायी जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि आइआइटी, रूड़की व पटना एनआइटी की टीम संयुक्त रूप से यह जांच करेगी कि पुल किन वजहों से ध्वस्त हुआ. अगर निर्माण में लापरवाही सामने आती है, तो हर हाल में इसके लिए दोषी पर कार्रवाई होगी. अभी यह कहना संभव नहीं कि किस वजह से निर्माणाधीन संरचना ध्वस्त हुई है.
इधर लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सरकार को एक बार फिर घेरा है. चिराग पासवान ने पूछा कि पुल बिहार में ही क्यों टूटते हैं. कही ना कही भष्टाचार हुआ है. निर्माण कार्य में मिलावट हुई है. गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया है. सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि पिछली किसी भी घटना में कोई कार्रवाई नहीं हो हुई है. किसी की जवाबदेही तय नहीं होती है. इसलिए इस तरह के हादसे होते हैं. मुख्यमंत्री को जबावदेही तय करना चाहिए और जनता को बताना चाहिए कि पुल कैसे गिरा, क्यों गिरा.
इसबीच, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार इन दिनों संस्थागत भ्रष्टाचार के दल-दल में फंस चुका है. अर्धनिर्मित पुल का हवा के झोंकों से गिर जाना इस भ्रष्टाचार की पोल खोलता है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि बाहरी कंपनियां जनता की गाढ़ी कमाई नीतीश सरकार के इशारे पर लूट रही हैं.
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि ये कोई पहली घटना नहीं है. गोपालगंज सहित कई जिलों में पुल बनने के पहले या कुछ बनने के कुछ दिन बाद गिर जा रहे हैं. इसी भागलपुर में उद्घाटन के पहले नहर का पुल टूट गया था, पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. अगर सरकार सचेत होती तो फिर दूसरा पुल भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ता.