बेतिया जिले के चनपटिया नवप्रवर्तन स्टार्टअप जोन में अब टेक्सटाइल, फुटवेयर, बंबू एंड क्राफ्ट आदि सामान के उत्पादन की सफलता के बाद अब ई रिक्शा के रूप में एक नया आयाम जुटा है. जिलाधिकारी कुंदन कुमार की पहल पर श्रमिक से उद्यमी बने कारीगरों में बेतिया के अजय का नाम भी जुट गया है.
पेशे से शिक्षक पिता के पुत्र अजय वर्ष 2015 में आइटीआई का प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार के लिए दिल्ली गये थे. वहां वह मजदूर के तौर पर एक ई रिक्शा कंपनी में काम करने लगे. इधर कोरोना काल में वह अपने घर वापस आ गये. इसी दौरान चनपटिया में नवप्रवर्तन स्टार्ट अप जोन में विभिन्न श्रमिकों के उद्यमी बनने की कहानी को सुन वह भी प्रेरित हुए. अजय विभिन्न पार्ट्स को जोड़कर ई रिक्शा बनाने की विधा में माहिर थे. उन्होंने जिलाधिकारी कुंदन कुमार से मुलाकात कर अपनी इच्छा जतायी. जिलाधिकारी ने आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए चनपटिया में ही जगह उपलब्ध करा दी.
अजय ने दिल्ली, पंजाब, गाजियाबाद की कंपनियों में बात कर ई रिक्शा में लगनेवाले ्रपार्ट्स को मंगवाया और इ रिक्शा की एसेंबलिंग शुरू कर दी. वर्तमान में अजय के पास दस ई रिक्शा तैयार हैं. अजय ने फिलहाल कचरा ढोने वाला ई रिक्शा का निर्माण कर रहे हैं.
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने भी अपने ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट कर जिलेवासियों को इसकी जानकारी दी. डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि बाजार में मिल रही ई रिक्शा से अजय की बनायी गये ई रिक्शा की कीमत कम है. उम्मीद है कि यह स्टार्ट अप जोन चनपटिया के लिए मील का पत्थर साबित होगा. विदित हो कि नवप्रवर्तन के क्षेत्र में चनपटिया स्टार्ट अप जोन के उन्नयन कार्य को लेकर जिलाधिकारी कुंदन कुमार को वर्ष 2021 का प्रधानमंत्री पुरस्कृत भी कर चुके हैं.
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अजय ने बताया की अभी तक 10 इ-रिक्शा बनकर तैयार है. ऑर्डर भी आने लगा है. शीघ्र ही अपने 15 साथियों की बदौलत इ-रिक्शा के निर्माण की संख्या बढ़ाएंगे. वहीं, पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार ने बताया की बाजार में मिल रहे ई रिक्शों से अजय के बनाये गये ई रिक्शे की कीमत कम है. उम्मीद है कि यह स्टार्ट अप जोन चनपटिया के लिए मील का पत्थर साबित होगा.