मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में चमकी-बुखार के लक्षण वाले दो बच्चों को भर्ती किया गया. एक बच्चा सीतामढ़ी और दूसरा अन्य जिले हैं. वहीं एइएस की पुष्टि होने वाले में से एक बच्चे का इलाज चल रहा है. बाकी को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चे की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गयी है. मोतीपुर समेत अलग-अलग जगह से बच्चे चमकी-बुखार के पीड़ित होकर आ रहे हैं.
इन सबों का सैंपल जांच के लिये लैब भेजा गया है. जांच के बाद ही पुष्टि हो पायेगी कि उन्हें एइएस है या नहीं है. अभी सबकी हालत में सुधार है. कहा कि अगर समय पर बच्चा अस्पताल आ जाये, तो उसकी जान बच जाती है. जानकारी के अनुसार इस साल अभी तक एइएस पीड़ित 21 बच्चे मिले हैं. इनमें से दो की मौत हो चुकी है. पीड़ित में 11 केस मुजफ्फरपुर के, तीन मोतिहारी, चार सीतामढ़ी, एक अररिया, एक वैशाली और एक बेतिया के हैं. सीतामढ़ी के बच्चे की मौत इलाज के दौरान हुई थी.
मुजफ्फरपुर. पिछले चार सालों में सबसे अधिक बच्चे एइएस से अप्रैल 2022 में पीड़ित होकर पीकू में भर्ती हुए हैं. इस साल अप्रैल माह में 8 बच्चों में एइएस की पुष्टि हो चुकी है. यह सभी 8 बच्चे जिले के उन प्रखंडों से पीड़ित होकर पहुंचे है, जिसे डेंजर जाेन माना जाता है. जनवरी से अप्रैल माह तक 11 बच्चे एइएस के पीड़ित होकर भर्ती हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार सालों में सबसे अधिक बच्चे 2019 में पीड़ित हुए थे.
उस साल भी अप्रैल माह में महज 2 बच्चों में ही एइएस की पुष्टि हुई थी. मई के अंतिम सप्ताह से एइएस के केस जिले में बढ़ने लगे थे. यह केस जून माह तक बढ़ता गया और उस वक्त तक जिले के 431 बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित हुए थे. जिसमें 111 बच्चों की मौत हुई थी. हालांकि अभी तक जिले में जिन 11 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है, वह स्वस्थ होकर घर चले गये है. इसमें एक भी बच्चों की मौत नहीं हुई हैं. 2020 के अप्रैल माह में 6 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई थी. वहीं वर्ष 2021 में 4 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई थी.