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गंडक नारायणी पर बनेगा झूला पुल, वाल्मीकि आश्रम से नेपाल के त्रिवेणी घाट जाने के लिए हो रहा निर्माण

वाल्मीकिनगर से सटे पड़ोसी देश नेपाल के त्रिवेणी घाट से लव कुश की जन्मस्थली वाल्मीकि आश्रम जाने के लिए रास्ता तैयार करने के उद्देश्य से नेपाल प्रशासन के द्वारा त्रिवेणी घाट से वाल्मीकि आश्रम के नजदीक नेपाली क्षेत्र के पहाड़ी तक गंडक नारायणी नदी के ऊपर झूला पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

वाल्मीकिनगर से सटे पड़ोसी देश नेपाल के त्रिवेणी घाट त्रिवेणी बाजार से लव कुश की जन्मस्थली वाल्मीकि आश्रम भक्तों और पर्यटकों को जाने के लिए सुगम और नजदीक का रास्ता तैयार करने के उद्देश्य से नेपाल प्रशासन के द्वारा नेपाल से त्रिवेणी घाट से वाल्मीकि आश्रम के नजदीक नेपाली क्षेत्र के पहाड़ी तक गंडक नारायणी नदी के ऊपर झूला पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस पुल का निर्माण श्री गीता रुबीना मना जे वी के द्वारा लगभग आठ करोड़ नेपाली रुपये में इसका ठेका दिया गया है. बता दें कि नेपाल सरकार के संघीय मामला तथा सामान्य सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया है.

अभी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है

इस बाबत पूछे जाने पर त्रिवेणी नेपाल के समाजसेवी चिरंजीवी ढुंगाना और गोविंद प्रसाद देवकोटा ने बताया कि वर्तमान समय में वाल्मीकि आश्रम जाने के लिए भक्तों और पर्यटकों को गंडक बराज के रास्ते लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. झूला पुल के निर्माण के बाद यह दूरी बहुत कम हो जायेगी.

शीघ्र ही झूला पुल उपलब्ध करा दिया जायेगा

शीघ्र ही इस पुल के निर्माण का कार्य पूरा हो जायेगा. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि झूला पुल के दूसरी छोर से वाल्मीकि आश्रम का रास्ता कई ऊंची नीची पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरता है. जिन पर आवागमन के लिए मार्ग का निर्माण करना कठिन चुनौती है. किंतु विभाग द्वारा इस चुनौती से निपटते हुए शीघ्र ही झूला पुल का तोहफा पर्यटकों और भक्तों को शीघ्र ही उपलब्ध करा दिया जायेगा.

सुरक्षा के लिए होगी कड़ी चुनौती

वर्तमान समय में वाल्मीकि आश्रम जाने के लिए एकमात्र रास्ता गंडक बराज से होकर गुजरता है. जहां आने जाने वाले लोगों को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है. किंतु नेपाली क्षेत्र से नेपाली क्षेत्र में हो रहे इस झूला पुल से होकर आसानी से असामाजिक तत्व भी भारतीय क्षेत्र में वाल्मीकि आश्रम के नजदीक खुले क्षेत्र और जंगल का लाभ लेकर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश पा सकते हैं.

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एसएसबी के लिए होगी चुनौती

बताते चलें कि वाल्मीकि आश्रम से पहले भारतीय क्षेत्र में एसएसबी का जांच चेकपोस्ट स्थापित है. जहां आने जाने वालों का सुरक्षा जांच की जाती है. किंतु भविष्य में वाल्मीकि आश्रम से सटी हुई खुली भारतीय सीमा क्षेत्र में कड़ी चौकसी, पेट्रोलिंग और फैंसिंग की जरुरत पड़ सकती है. ताकि कोई असामाजिक तत्व झूला पुल का लाभ लेकर अनाधिकृत रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश न कर सके.

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