पटना. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कोरोना की वजह से वित्तीय वर्ष 2021-22 देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा. इसका प्रतिकूल प्रभाव राज्य के टैक्स संग्रह पर भी पड़ा. परंतु इन विकट परिस्थितियों के बाद भी वाणिज्य-कर विभाग के स्तर से सभी आंकड़ों का बारीकी से विश्लेषण करके इसके आधार पर टैक्स संग्रह की सटीक कार्ययोजना तैयार की गयी. साथ ही इसका सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने के लिए सतत प्रयास किये गये.
इसी वजह से विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष के अंत तक पिछले वर्ष की तुलना में 11.85 प्रतिशत अधिक टैक्स संग्रह किया. यह एक बड़ी उपलब्धि है. इसके लिए विभाग को पुरस्कृत भी किया गया. डिप्टी सीएम मुख्य सचिवालय परिसर स्थित अधिवेशन भवन में आइएफसीएआइ (इंस्टीच्यूट ऑफ अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) के साथ वाणिज्य कर पदाधिकारियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे थे.
यह कार्यक्रम 29 अप्रैल तक चलेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से विभागीय पदाधिकारियों का प्रदर्शन बेहतर होने के साथ ही उनका क्षमतावर्द्धन होगा. इससे कर संग्रह करने की नयी और कारगर कार्ययोजना तैयार करने में काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पैसा रहने से केंद्र पर निर्भरता कम होती है और अपनी बनायी योजनाओं के लिए धन उपलब्ध हो पाता है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि आइएफसीएआइ एक विशेष संस्था है, जिसकी मदद से वाणिज्य-कर विभाग के पदाधिकारियों को जीएसटी से संबंधित कई विषयों मसलन इनपुट टैक्स, क्रेडिट ऑडिट, फाइनेंशियल स्टेटमेंट के विश्लेषण, बीमा, बैंकिंग, रियल स्टेट से जुड़े क्षेत्र पर विशेषज्ञों की तरफ से प्रशिक्षण दिया जायेगा.
यह विभागीय अधिकारियों के लिए बेहद लाभकारी होगा. इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग के 90 पदाधिकारी भाग लेंगे. इस दौरान विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा, आइएफसीएआइ के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार पी, राम शंकर, पलक झा, सोनू कुमार, सुजय प्रकाश, अरुण कुमार मिश्रा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.