बिहार के लोगों को पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े पेप्सी प्लांट के बाद पहले इथेनॉल प्लांट को तोहफा मिलने जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 अप्रैल को इस नए प्लांट का उद्घाटन करने जा रहे हैं.
यह इथनॉल प्लांट औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर पूर्णिया को इथनॉल उद्योग एक कदम और आगे ले जाएगा. पूर्णियां के धमदाहा अनुमंडल के गणेशपुर परोड़ा में बिहार का पहला इथेनॉल प्लांट बनाया गया है. यह प्लांट 104 करोड़ की लागत से इंडियन बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा करीब 15 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. इस प्लांट से एक दिन में 65 हजार लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया जाना है.
इथेनॉल प्लांट की शुरुआत होने से कोसी एवं सीमांचल के लोगों को काफी लाभ पहुंचने वाला है. यहां के लोगों को इस प्लांट से अच्छा रोजगार मिलने वाला है. देश में अभी ईख से इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है पर बिहार के इस पहले प्लांट से मक्का और ब्रोकन राइस से एथेनॉल का उत्पादन होगा. अप्रैल महीने के शुरुआत से इसका ट्रायल भी चल रहा था. यह मक्का कच्चा माल के रूप मे इसी इलाके के किसानों से लिया जाएगा. जिससे यहां के किशानों को काफी लाभ मिलेगा.
Also Read: Bihar News: पटना में CTET अभ्यर्थियों का हंगामा, सातवें चरण के नियोजन में देरी से हैं नाराज
मक्का से इथेनॉल के निर्माण के बाद बची सामग्री से पशु आहार का निर्माण कराया जाएगा. प्लांट के शुरू होने के बाद मक्का किसानों को अपने फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी क्योंकि इस इलाके में बड़े पैमाने पर मक्का एवं धान की खेती होती है.
जिले में दोनों ही फसल सीजन में 90 से 95 हजार हेक्टेयर में लगाए जाते हैं. ऐसे में यहां इथनॉल के लिए जिले में ही आसानी से कच्चा माल मिल जाएगा जिससे इसकी लागत कम होगी. हार साल यहां का मक्का ट्रेन के माध्यम से दूसरे राज्यों में भेजा जाता है .इसमें किसानों से ज्यादा व्यपारी मुनाफी कमातें हैं, पर इस प्लांट के शुरू होने से किसानों को उसके मक्के की ज्यादा कीमात मिलने की उम्मीद है.