धनबाद : डुमरीजोड़ अवैध खदान के अंदर की तस्वीर बता रही है, यहां से लंबे समय से बड़े पैमाने पर कोयले की कटाई हो रही थी. काम करने के लिए अवैध कारोबारियों ने यहां पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. अवैध खदान के अंदर का नजारा कोल कंपनियों की वैध खदानों की तरह ही दिखा. संगठित व वैज्ञानिक तरीके से कोयले की अवैध कटाई हो रही थी.
इस बात की गवाही खदान के अंदर कोयला खनन के सभी इंतजाम दे रहे थे. माइंस में रोशनी के बिजली थी. एलइडी लाइट जल रही थी. पानी निकासी को मोटर पंप, कोयला भरने के लिए हजारों बोरियां, सुरक्षा के दृष्टिकोण से माइंस की गैलरी में बांस-बल्ली के सपोर्ट व अन्य व्यवस्था थी.
डुमरीजोड़ में अवैध माइंस सालों से चल रही थी. माइंस के अंदर का नजारा देख बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम भी दंग रह गयी. माइंस के अंदर कई गैलरियां थीं. चाल ना धंसे, इसके लिए गैलरी में सपोर्ट देने के लिए जहां-तहां बांस-बल्ली लगाये गये थे. कुछ और अंदर जाने पर पता चला कि जहां धंसान हुई थी, उस जगह पर माइंस की गैलरी का मुहाना मिट्टी व पत्थर के मलबे से बंद हो गया था. इस कारण रेस्क्यू टीम आगे नहीं जा सकी.
माइंस के अंदर दो-तीन ट्रक से अधिक कोयला काटकर रखा हुआ था. सैकड़ों बोरियों में कोयला भरा था. इसके अलावा माइंस में दर्जनों बेलचा, आधा दर्जन एलइडी लाइट थे. मोटर पंप की पाइप लाइन बिछी हुई थी. मजदूरों के खाने के टिफिन भी थे. माइंस के महज 5-10 मीटर अंदर ही बेहतर गुणवत्ता के कोयला का सीम दिख रहा था. देखकर ऐसा लग रहा था कि यहां बकायदा माइंस एक्सपर्ट की निगरानी में तीनों शिफ्ट में काम चल रहा था. बिजली के लिए जेनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा था.
Posted By: Sameer Oraon