रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया है कि कोविड प्रोत्साहन राशि के भुगतान में हुई गड़बड़ी पर स्वास्थ्य विभाग पर्दा डालने का षड्यंत्र कर रहा है. श्री राय ने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख लिखा है. इसमें बताया है कि जिन-जिन अनधिकृत कर्मियों के नाम स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया था, अब उन लोगों से बैंक खाता नंबर मांगा जा रहा है. मंत्री कोषांग यह पता लगा रहा है कि कोषागार से किस-किस खाते में भुगतान हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्री ने प्रोत्साहन राशि के अनुमोदन के लिए दूषित, आपराधिक और भ्रष्ट प्रक्रिया अपनाया है. विभाग सबूत मिटाना भी चाहे, तो मिटा नहीं सकता है. इसे झुठलाने का मंत्री का कोई भी षड्यंत्र सफल नहीं हो सकता. अनधिकृत लोगों को जो पैसे मिले हैं, उसकी वसूली मंत्री से होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में श्री राय ने कहा है कि मुख्यालय कर्मियों को कोविड प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिए दो सूचियां स्वास्थ्य मंत्री की स्वीकृति व अनुमोदन के लिए विभाग द्वारा भेजी गयीं. एक सूची मंत्री कोषांग ने मंत्री के आदेश से तैयार की थी और दूसरी सूची इस हेतु विभाग में गठित त्रिसदस्यीय समिति ने तैयार की थी.
मंत्री ने दोनों सूची को अनुमोदित किया और इनके भुगतान का आदेश दिया. विभागीय भुगतान की सूची में 94 नाम हैं. इनमें से अधिकांश का भुगतान डोरंडा कोषागार से 31 मार्च को हो गया. 60 लोगों को स्वास्थ्य मंत्री ने अपने कोषांग का पदाधिकारी/कर्मी बता कर प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया था़ मंत्री ने प्रोत्साहन भुगतान पाने के लिए गलत रास्ता अपनाया. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की.
जो उनके भ्रष्ट आचरण का द्योतक है. यही स्थिति उनके कोषांग के पांच कर्मियों की भी है़ इन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान करना आर्थिक अपराध है़ यह भुगतान राजकोष पर अतिरिक्त बोझ है़ स्वास्थ्य मंत्री इसके असली अपराधी है़ं श्री राय ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य विभाग की संबंधित संचिका की जांच कर मंत्री कोषांग पर हुए अनधिकृत व्यय की वसूली मंत्री से करने का आदेश दिया जाये़ इसके साथ ही आइपीसी की धारा के तहत दंडित करने की प्रक्रिया शुरू की जाये.
Posted By: Sameer Oraon