Alwar Temple Demolition राजस्थान के अलवर में एक 300 साल पुराने मंदिर पर बीजेपी नगरपालिका का बुलडोजर चलने का मामला गरमाने लगा है. दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं. आरोप है कि मंदिर में स्थापित भगवान शिव और हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी खंडित की गई हैं, जिसको लेकर हिंदू संगठनों में इसे लेकर रोष है. सवाल किया जा रहा है कि आखिर किसके कहने पर मंदिर को तोड़ा गया. इधर, राजस्थान सरकार की ओर से बीजेपी नगरपालिका बोर्ड को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि मंदिर को क्यों तोड़ा गया तोड़ा?
इन सबके बीच, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अलवर जिला कलेक्टर नकटे शिवप्रसाद ने कहा कि मंदिर का जो हिस्सा अतिक्रमण में आ रहा था, उसे हटाने से पहले मंदिर के अंदर की मूर्तियों को ससम्मान अन्य जगह पर मंदिर के पुजारियों द्वारा विस्थापित कर दिया गया था. कार्रवाई से पहले सभी समाजों के लोगों से बात की गई थी. पूर्व में बहुत बार नोटिस दिए गए थे. जिला कलेक्टर नकटे शिवप्रसाद ने कहा कि राजगढ़ नगर पालिका के अंतर्गत 17 अप्रैल को गौरव पथ पर सड़क के दोनों तरफ जो अतिक्रमण को हटाने का निर्णय नगर पालिका की सर्वसाधारण सभा की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था.
Alwar, Rajasthan | A consensus decision was taken during the municipality meeting to remove the illegal encroachments present on the roadside. Before the encroachment drive, the temple priests shifted the idols to another place: District Magistrate Shivprasad Nakate pic.twitter.com/IY8CBlI9tI
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 22, 2022
खबरों के मुताबिक, बीती 17 अप्रैल को अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में एक प्राचीन शिवमंदिर को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया. बताया जा रहा है कि सड़क को चौड़ा किया जाना था और मंदिर का कुछ हिस्सा सड़क के किनारे नाले पर बना हुआ था. नगर पालिका की टीम यहां बुलडोजर लेकर पहुंची और कुछ ही सेकंड के अंदर मंदिर की मुख्य छत को तोड़ दिया गया. मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने मौके से हटा दिया. मंदिर के अंदर स्थापित शिवलिंग को मशीन कटर से काटा गया और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त कर दी गईं.
मंदिर प्रशासन की ओर से क्षेत्र के कांग्रेस विधायक जौहरीलाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के चेयरमैन सतीश दुहारिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. हालांकि, इनमें से किसी पर भी अब तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. वहीं, खबर सामने के बाद बीजेपी ने मंदिर तोड़ने के आरोप में कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया. पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि 300 से ज्यादा वर्ष पुराने शिव मंदिर पर जिस तरह से बुलडोजर चलाया गया, ये हम सबके हृदय पर प्रहार है. राहुल जी, सोनिया जी, आप तो वही परिवार हैं जो भगवान राम पर विश्वास नहीं करते.चुनाव के वक्त आप जो त्रिपुंड लगाकर मंदिर मंदिर जाकर अपने आपको भक्त और हिंदू दिखाने की कोशिश करते हैं वो सब मिथ्या है.
उधर, गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी झूठ बोल रही है. राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन बीजेपी का है. उन्हीं ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर सड़क चौड़ीकरण के लिए मंदिरों और घरों को गिराया है. उन्हीं के इशारे पर मंदिर को तोड़ा गया है. जबकि, हमारा विधायक विरोध करता रह गया.