17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आयुष को प्रोत्साहन

वर्ष 2014 में हमारे देश में आयुष क्षेत्र का वित्तीय आकार केवल तीन अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 18 अरब डॉलर से अधिक हो गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक केंद्र का शिलान्यास आयुर्वेद एवं भारत की अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के प्रयास में महत्वपूर्ण चरण है. इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने तथा नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक सम्मेलन भी आयोजित किया गया. इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष आयुष वीजा की घोषणा की, जिसका लाभ देश में आयुष चिकित्सा के लिए आनेवाले विदेशी उठा सकेंगे. चाहे चिकित्सा प्रक्रिया हो या दवाइयां, प्रधानमंत्री मोदी का सबसे अधिक जोर गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर रहा है. अब अच्छे स्थानीय आयुष उत्पादों पर विशेष चिह्न अंकित किया जायेगा ताकि देशी-विदेशी लोग निश्चिंत होकर उन्हें खरीद सकें.

पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार ने आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान और उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ संसाधनों के विस्तार की दिशा में अनेक प्रयास किये हैं. इनके सकारात्मक परिणाम भी आने लगे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि 2014 में आयुष क्षेत्र का वित्तीय आकार केवल तीन अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 18 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. महामारी के दौर में आयुर्वेद की उपयोगिता को संपूर्ण विश्व ने सराहा और स्वीकार किया है. आज बहुत सारी बीमारियां जीवन शैली की कमियों के कारण हो रही हैं. आयुर्वेद और अन्य परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां मनुष्य के स्वास्थ्य के सभी आयामों एवं पहलुओं का संज्ञान लेती हैं तथा उनका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को स्वस्थ रखते हुए उसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होता है.

इस कारण पश्चिमी देशों में भी इनकी स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के केंद्र की स्थापना तथा वैश्विक सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधियों का आना इसका प्रमाण है. तकनीक ने चिकित्सकों और उत्पादों की उपलब्धता को भी सुगम बना दिया है. जड़ी-बूटियों, अन्न और अन्य ऊपज को प्रोत्साहित करने से हमारे पारिस्थितिक तंत्र को भी लाभ होगा तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी. सतत विकास के साथ रोजगार और आय के अवसरों में भी वृद्धि होगी. आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था का महत्व अपनी जगह है, लेकिन आयुष के विस्तार से बेहतर स्वास्थ्य के साथ सस्ते उपचार का लाभ भी लोगों को मिलेगा. इस वर्ष के बजट में केंद्रीय आयुष मंत्रालय को 3050 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.

विभिन्न राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर आयुष के प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. इस क्षेत्र के विस्तार के साथ तकनीक और नवोन्मेष की आवश्यकता भी बढ़ेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने आशा जतायी है कि आयुष के क्षेत्र में भी स्टार्टअप सक्रिय होंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ तेदेरॉस गेब्रेएसस ने दीर्घकालिक सरकारी सहयोग की जरूरत पर बल दिया है. उनकी यह सलाह भी महत्वपूर्ण है कि पारंपरिक औषधियों के उत्पादन से जुड़े समुदायों को भी आयुष क्षेत्र के विस्तार का लाभ मिलना चाहिए. जिस प्रकार विश्व में भारत के योग और ध्यान को व्यापक स्तर पर अपनाया गया है, उसी तरह इन प्रयासों से आयुष भी विश्व कल्याण के लिए उपयोगी सिद्ध होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें