पटना. राज्य में इस साल रून्नी सैदपुर से भिसवा स्टेट हाइवे-87, कादिरगंज से खैरा स्टेट हाइवे-82 सहित गया से बिहारशरीफ एनएच-82 पर दिसंबर 2022 से आवागमन शुरू होने की संभावना है. इससे सीतामढ़ी, शिवहर, नवादा, जमुई, गया और नालंदा जिले के लोगों को यातायात की सुविधा में बढ़ोतरी होगी. तीनों सड़कों का करीब 234 किमी लंबाई में करीब 3212 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है.
सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर से सुरसंड होते हुए भारत-नेपाल सीमा के पास भिसवा को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे-87 का निर्माण मार्च 2021 में ही पूरा करने की समय -सीमा तय की गयी थी, लेकिन करोना सहित अन्य वजहों से इसे पूरा करने में विलंब हुआ है. 67 किलोमीटर लंबे इस हाइवे की लागत 551 करोड़ है. इस हाइवे के बन जाने से सीता माता के जन्म स्थान नेपाल के जनकपुर जाने में आसानी होगी. साथ ही सीतामढ़ी-शिवहर जिले के इन पिछड़े इलाकों में आवागमन काफी आसान हो जायेगा.
स्टेट हाइवे संख्या-82 के अंतर्गत करीब 75 किमी लंबाई में नवादा जिले के कादिरगंज और जमुई जिले के खैरा में सड़क का तीन पैकेज में निर्माण कराया जा रहा है. इसे 2020 में ही पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना सहित अन्य वजहों से इसमें विलंब हुआ. अब इसे दिसंबर 2022 में पूरा करने की समय-सीमा तय की गयी है. इस सड़क के बनने से मध्य बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी मजबूत होगी. साथ ही विकास योजनाओं को सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंचाने में सुविधा होगी.
एनएच-82 की चौड़ाई बढ़ा कर उसे फोरलेन बनाया जा रहा है. यह सड़क गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा से बिहारशरीफ तक जाती है. पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क की लंबाई करीब 92.93 किमी है और इसे बनाने की अनुमानित लागत करीब 2138 करोड़ रुपये है. फिलहाल गया से बिहारशरीफ जाने में करीब चार घंटे लग जाते हैं. अब नयी फोरलेन सड़क बनने के बाद यह सफर करीब 2 घंटे 30 मिनट में तय किया जा सकेगा. ऐसे में करीब डेढ़ घंटे की बचत होगी. इस सड़क का निर्माण 2018 में पूरा होने की समय -सीमा तय की गयी थी,लेकिन जमीन अधिग्रहण और कोरोना संकट की वजह से इसके निर्माण में विलंब हुआ है.