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Vaishakh Month 2022: अक्षय तृतीया से लेकर बुद्ध पूर्णिमा तक वैशाख महीने में पड़ रहे ये व्रत-त्योहार

Vaishakh Month 2022: वैशाख महीने को हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का दूसरा महीना माना जाता है. इस महीने अनेकों व्रत-त्योहार और विशेष दिवस पड़ रहे हैं.

Vaishakh Month 2022: वैशाख महीने में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा. साथ ही इस महीने 26 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयंती है. इसी महीने में भारतीय समय के अनुसार 1 मई को सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. इसके अलावा 1 मई को ही श्रमिक दिवस, विश्व हास्य दिवस मनाया जाएगा. 3 मई को परशुराम जयन्ती और अक्षय तृतीया है वहीं 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा पड़ रहा है.

विकट संकष्टी चतुर्थी – 19 अप्रैल, दिन मंगलवार

पृथ्वी दिवस – 22 अप्रैल, दिन शुक्रवार-पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण के लिए अधिक जागरूकता को प्रेरित करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. सर्वप्रथम पर्यावरणविद् गेलॉर्ड नेल्सन ने औद्योगिक विकास के कारण बढ़ रहे प्रदूषण और इससे होने वाले दुष्परिणामों की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था.

कालाष्टमी – 23 अप्रैल, दिन शनिवार

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी – 23 अप्रैल, दिन शनिवार

वरुथिनी एकादशी – 26 अप्रैल, दिन मंगलवार

वल्लभाचार्य जयन्ती – 26 अप्रैल, दिन मंगलवार, श्री वल्लभाचार्य (1479-1531 C.E.) एक भक्ति दार्शनिक थे, जिन्होंने भारत में पुष्टि संप्रदाय की स्थापना की. श्री वल्लभाचार्य भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे. उन्होंने भगवान कृष्ण के श्रीनाथजी रूप की पूजा की. उन्हें महाप्रभु वल्लभाचार्य के नाम से भी जाना जाता है.

प्रदोष व्रत – 28 अप्रैल, दिन गुरुवार

मासिक शिवरात्रि – 29 अप्रैल, दिन शुक्रवार

वैशाख अमावस्या – 30 अप्रैल, दिन शनिवार

दर्श अमावस्या – 30 अप्रैल, दिन शनिवार

अन्वाधान – 1 मई, दिन रविवार

इष्टि – 1 मई, दिन रविवार

सूर्य ग्रहण, आंशिक – 1 मई, दिन रविवार

अन्तरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस – 1 मई, दिन रविवार, इस बार 100वां अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस है. यह पहली मई को मनाया जाता है. भारत में सबसे पहले यह दिन 1923 में मनाया गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका में सितंबर के पहले सोमवार को श्रमिक दिवस मनाते हैं. यह दिन कुछ देशों में श्रम दिवस, श्रमिक दिवस या मई दिवस के रूप में भी जाना जाता है. यह दिन श्रमिकों को समर्पित है, जो श्रम के महत्व को दर्शाता है.

विश्व हास्य दिवस –1 मई, दिन रविवार- इस साल 25वां विश्व हास्य दिवस समारोह मनाया जाएगा. पहले विश्व हास्य दिवस का आयोजन मुंबई, भारत में 10 मई, 1998, को डॉ मदन कटारिया द्वारा किया गया था. विश्व हास्य दिवस पर लोग हंसने के उद्देश्य के साथ सार्वजनिक स्थानों में इकट्ठे होते हैं. विभिन्न जगहों पर अलग-अलग तरीके से हंसने और हंसाने की कोशिश के साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. साथ ही हंसने से होने वाले लाभों के बारे में बातया जाता है.

मासिक कार्तिगाई- 2 मई, दिन सोमवार

परशुराम जयन्ती – 3 मई, दिन मंगलवार- परशुराम जयंती भगवान विष्णु के छठे अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है. यह वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल के दौरान हुआ था और इसलिए जिस दिन प्रदोष काल के दौरान तृतीया होती है उस दिन को परशुराम जयंती समारोह के लिए माना जाता है. भगवान विष्णु के छठे अवतार का उद्देश्य पापी, विनाशकारी और अधार्मिक राजाओं को नष्ट करके पृथ्वी के बोझ को दूर करना है, जिन्होंने राजाओं के रूप में अपने कर्तव्यों की उपेक्षा की. हिंदू मान्यता के अनुसार अन्य सभी अवतारों के विपरीत परशुराम अभी भी पृथ्वी पर रहते हैं.

अक्षय तृतीया – 3 मई, मंगलवार-अक्षय तृतीया जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू समुदायों के लिए अत्यधिक शुभ और पवित्र दिन है. यह वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया सौभाग्य और सफलता लाती है. ज्यादातर लोग इस दिन सोना खरीदते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से आने वाले भविष्य में समृद्धि और अधिक धन आता है. अक्षय दिवस होने के कारण यह माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना कभी कम नहीं होगा और बढ़ता या बढ़ता रहेगा.

सीता नवमी-10 मई, दिन मंगलवार- सीता नवमी को देवी सीता की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं सीता नवमी के दिन व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.

नरसिंह जयंती- 14 मई, दिन शनिवार

बुद्ध पूर्णिमा- 16 मई, दिन सोमवार- वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था. गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी.

वैशाख पूर्णिमा- 16 मई, दिन सोमवार- हिंदुओं में सभी पूर्णिमा तिथियां शुभ मानी जाती हैं. वैशाख पूर्णिमा हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार वर्ष में दूसरी पूर्णिमा है और यह नरसिंह जयंती के ठीक बाद आती है.

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