कुछ हफ्तों के अंतराल में हम एक नए कोविड वेरिएंट के बारे में सुनते हैं, ऐसे में यह जानना कठिन हो जाता है कि, नये वेरिएंट से हमें कितना चिंतित होना चाहिए. हाल के दिनों में ऐसा ही एक XE वेरिएंट का नाम सामने आ रहा है. दरअसल, XE वेरिएंट एक ही मरीज में दो ओमिक्रोन वेरिएंट के मिश्रण के कारण उत्पन्न होती है. इसको लेकर क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के पॉल ग्रिफिन ने एक शोध किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि हमें नये वेरिएंट को लेकर कितना चिंता करने की ज़रूरत है.
ओमिक्रोन और इसके प्रकार: दरअसल, ओमिक्रोन सार्स-कोव-2 वायरस का एक प्रकार है जिसे पहली बार 11 नवंबर 2021 को बोत्सवाना में खोजा गया था. 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ ने इसे चिंता का एक प्रकार नामित किया था. उसके बाद से दुनिया भर में इसका प्रसार हुआ और यह डेल्टा के स्थान पर कोविड का सबसे प्रमुख प्रकार बन गया. यहीं नहीं इसके बाद से ओमिक्रोन ने कई स्ट्रेन भी विकसित हुए.
कितने खतरनाक है ओमिक्रॉन के स्ट्रेन: ओमिक्रॉन के स्ट्रेन में बीए.1 (बी.1.1.529), बीए.2 और बीए.3 शामिल हैं. बीए.2 वेरिएंट बीए.1 की तुलना में अधिक संक्रामक है. यह मौजूदा समय में सार्स-कोव-2 वायरस का नया प्रमुख रूप बन गया है. ओमिक्रॉन वेरिएंट में जितना बदलाव देखा गया है उतना बदलाव कोरोना के किसी वेरिएंट में नहीं हुआ है. इन म्यूटेशन में स्पाइक प्रोटीन में 32 आनुवंशिक परिवर्तन हैं. स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा है जिसका उपयोग वह मानव कोशिकाओं से जुड़ने के लिए करता है.
दो वेरिएंट बना रहे हैं नया वेरिएंट: यह स्थिति और भी विकट तब हो जाकती है जब दो अलग-अलग वेरिएंट या सबवेरिएंट एक साथ मिलकर नये वेरिएंट का निर्माण करते हैं. सबसे बड़ी बात की बनने वाले नये वायरस में एक या दोनों मूल वायरस के गुण हो सकते हैं. जैसे डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पुनर्संयोजन होकर डेल्कटाक्रॉन वेरिएंट का निर्माण करते हैं. पुनः संयोजक को पहली बार फरवरी के मध्य में फ्रांस में पहचान की गई.
कोरोना का एक्सई वेरिएंट बीए.1 और बीए.2 का पुनर्संयोजन(recombination) है. यूके में एक्सक्यू, डेनमार्क से एक्सजी, फिनलैंड से एक्सजे और बेल्जियम से एक्सके सहित कई अन्य बीए.1 और बीए.2 पुनः संयोजक हैं. एक्सई में हालांकि अभी भी अनुक्रमित मामलों का एक छोटा अनुपात शामिल है, इसने कम से कम इंग्लैंड के भीतर सामुदायिक प्रसारण के प्रमाण दिखाए हैं, जहां पहली बार जनवरी के मध्य में इसका पता चला था. इसके सिर्फ 1,100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
भारत, चीन और थाईलैंड में भी इसकी पहचान की गई है. प्रारंभ में एक्सई के बढ़ने की रफ्तार बीए.2 से ज्यादा अलग दिखाई नहीं दी थी, लेकिन यूके के हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि इसकी वृद्धि दर बीए.2 के मुकाबले लगभग 10 से 20% अधिक है. यह आंकड़े शुरूआती हैं और छोटी संख्याओं पर आधारित है, इसलिए अधिक जानकारी मिलने पर इसमें परिवर्तन हो सकता है. अगर यह सच है, तो इसका मतलब है कि एक्सई के बीए.2 की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक होने की संभावना है, बीए.2 बीए.1 से थोड़ा अधिक संक्रामक था, बीए.1 डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक था. क्या हमें चिंता करने की ज़रूरत है?
हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जो कोविड-19 से बचाने में मदद करती है, टीकाकरण या पिछले संक्रमण से उत्पन्न होती है, और यह ज्यादातर स्पाइक प्रोटीन को लक्षित करती है. यह देखते हुए कि एक्सई में मूल रूप से बीए.2 के समान ही स्पाइक प्रोटीन है, ऐसा नहीं लगता है कि एक्सई के खिलाफ हमारी सुरक्षा काफी कम हो जाएगी. नए रूपों के साथ-साथ पुनः संयोजकों के उद्भव को धीमा करने का सबसे अच्छा तरीका है, अतिसंवेदनशील लोगों की संख्या को कम करते जाना और ऐसा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीकाकरण की सुरक्षा के घेरे में लाना होगा.