TIFR on Social Media Post: देश के प्रमुख शोध संस्थानों में गिने जानेवाले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) ने अपने स्टाफ को सरकार विरोधी, संस्थान सुविधाओं की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर पोस्ट करने से परहेज करने की सलाह दी है. टीआईएफआर ने कर्मचारियों से यह भी कहा है कि वे अपने परिवार के सदस्यों खासकर बच्चों को भी इस तरह की चीजें पोस्ट करने से रोकें. हालांकि खबरें सामने आने के बाद टीआईएफआर ने सफाई दी है कि यह आदेश कोई नया नहीं है. निर्देश को लेकर कही गई शब्दावली का गलत अर्थ निकाला गया.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि संस्थान के स्टाफ सदस्यों से अनुरोध है कि वे संस्थान, फील्ड स्टेशनों, आवासीय संपत्ति या किसी अन्य सरकारी संपत्ति से संबंधित किसी भी फोटो या वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने से बचें. स्टाफ सदस्यों को आगे सूचित किया जाता है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी सरकार विरोधी सामग्री को अपलोड करने से बचें. साथ ही, परिवार के सदस्यों को भी इसके बारे में अवगत कराया जाना चाहिए.
परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के तहत स्वायत्त संस्थान टीआईएफआर ने इस बीच यह साफ किया है कि नोटिस की शब्दावली कुछ ऐसी थी कि उसका ‘गलत अर्थ’ निकाला गया. संस्थान या सरकार की सार्वजनिक आलोचना करने से पहले अनुमति लेना हमेशा से अनिवार्य है. नोटिस में जिन नियमों का जिक्र है, वे पहले से अस्तित्व में हैं और नया पत्र केवल यह स्पष्ट करने के लिए भेजा गया था कि ये नियम सोशल मीडिया के साथ टेलीविजन जैसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया पर भी लागू होते हैं.
टीआईएफआर ने कहा कि उसने इस संबंध में डीएई के नोटिस के बाद कर्मचारियों को 13 अप्रैल को निर्देश दिये थे. संस्थान का कहना है कि डीएई नोटिस के बाद टीआईएफआर के रजिस्ट्रार ने 13 अप्रैल, 2022 को संस्थान के सभी कर्मचारियों को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें (1) संस्थान परिसर की तस्वीरें या वीडियो पोस्ट करने और (2) व्हाट्सऐप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पोस्ट में सरकार विरोधी बयान देने पर प्रतिबंध लगाया गया था.
Also Read: Social Media की ताकत का लोहा मान रहे ब्रांड्स भी, Influencers के साथ काम करने को दे रहे तरजीह13 अप्रैल को एक पत्र में TIFR के रजिस्ट्रार विंग कमांडर जॉर्ज एंटनी (सेवानिवृत्त) ने परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अधिसूचित कमेंट का जिक्र करते हुए कहा था कि फेसबुक, व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर डीएई कार्यालयों और सुविधाओं की तस्वीरें और वीडियो देखा गया था. उन्होंने बताया कि कुछ असंतुष्ट कर्मचारी सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी चीजें शेयर कर रहे हैं.
इसे लेकर निर्देश में कहा गया है कि टाटा के TIFR इंस्टीट्यूट के केंद्रों, फील्ड स्टेशनों, आवासीय कॉलोनियों या किसी अन्य सरकारी संपत्ति से संबंधित किसी भी वीडियो को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर अपलोड न करें. साथ ही कोई भी विवादित बयान भी शेयर न करें, क्योंकि इससे सुरक्षा बिगड़ सकती है या कोई गंभीर जानकारी गलत हाथों में भी जा सकती है.