हाजीपुर. सदर अस्पताल अपनी अजीबो-गरीब हरकतों के लिए हमेशा चर्चा में बना रहता है. ताजा मामला तीन दिनों के अंदर एक नवजात बच्चे का जेंडर चेंज होने का है. 14 अप्रैल को यहां एक नवजात बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. रविवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने एक बच्ची का शव परिजनों को सौंपा और कहा कि इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी है. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. मौके पर पहुंची नगर थाना की पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को शांत कराया.
इस बात की जानकारी होते ही स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गयी. सिविल सर्जन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच की बात कही है. जानकारी के अनुसार बीते 14 अप्रैल को राजापाकर थाने के चकसिकंदर बाकरपुर निवासी मो मुर्तुजा की पत्नी जरक्षा खातून को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन एंबुलेंस से लेकर सदर अस्पताल आ रहे थे. रास्ते में ही उसकी डिलिवरी हो गयी थी. परिजन बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से दिखाया. डॉक्टर ने बच्चे को सदर अस्पताल के नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती कर दिया.
रविवार की दोपहर स्वास्थ्यकर्मियों ने परिजनों को एक बच्ची का शव यह कहते हुए सौंपा कि इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी है. इसके बाद परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगा कर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों का आरोप है कि एनआइसीयू के रजिस्टर में भी नवजात बालक को भर्ती करने की बात दर्ज है. उन्हें जो स्लिप दिया गया है, उस पर भी बच्चे का जेंडर पुरुष दर्ज है.
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यह मामला काफी गंभीर है. इसकी गंभीरता से जांच करायी जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.
– डॉ अखिलेश मोहन सिन्हा, सिविल सर्जन