Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका अब तक के अपने सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. संकट की इस घड़ी में श्रीलंका की मदद में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन सबके बीच, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कोलंबो ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से पर्याप्त फंड मिलने तक भारत से ब्रिजिंग फाइनेंस उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. बताया जा रहा है कि आईएमएफ से मदद मिलने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है.
यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उनके श्रीलंकाई समकक्ष और उच्चायुक्त के साथ कई बैठकें होने के बाद आया है. सूत्रों की मानें तो श्रीलंका ने भारत से यह भी कहा है कि वह कोलंबो की लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में सहायता के लिए जापान जैसे मित्र देशों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे. साथ ही उसने मदद उपलब्ध कराने के लिए भारत से बहुपक्षीय मंचों तक पहुंचने की अपील भी की है.
वहीं, इस मामले पर जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का रुख इस प्रस्ताव को लेकर पॉजिटिव है. संभावना जताई जा रही है कि भारत सरकार आर्थिक और राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका तक मदद पहुंचाने के लिए अन्य मित्र देशों से संपर्क करेगी. वहीं, श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी आने वाले सप्ताह में वॉशिंगटन में अपनी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर सकते हैं.
बता दें कि भोजन, ईंधन, दवाइयों, मुद्रा अदला-बदली और एशियन क्लीयरिंग यूनियन में भुगतान के स्थगन के लिए भारत की ओर से श्रीलंका को 2.4 अरब डॉलर की मदद लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में उपलब्ध कराई जा चुकी है. हालांकि, जब तक श्रीलंका का आईएमएफ के साथ समझौता नहीं हो जाता है, श्रीलंका को आयात के लिए कहीं बड़े वित्तीय समर्थन की जरूरत होगी. इसके अलावा कर्ज और बहुपक्षीय सहभागिता को लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सलाहकार समूह की भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंद नागेश्वरन के साथ तकनीकी वार्ताएं भी आयोजित हो रही हैं. आईएमएफ के साथ श्रीलंका की वार्ता सोमवार से शुरू होगी. इसमें 4 महीने लगने का अनुमान है. इस कारण कोलंबो ने इस अवधि के लिए ब्रिजिंग फाइनेंस उपलब्ध कराने की मांग की है.