बिहार में गर्मी अपने चरम पर है. पटना में तापमान 40 डिग्री के पार जा चुका है. लेकिन पटना जू में लोग चिलचिलाती धूप में भी पहुंच रहे हैं. जू में जानवरों के लिए भी विशेष इंतजाम किये गये हैं. शाकाहारी जानवर मसलन हिरण, चिंपैंजी आदि के लिए लंच में ताजे फलों का इंतजाम किया गया है. वहीं अन्य जानवरों खासकर शेर, बाघ, तेंदुआ आदि के बाड़े में कूलर और पंखे की व्यवस्था की गयी है.
तेज गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवर भी परेशान हैं. यही वजह है कि लू और भीषण गर्मी से बचने के लिए चिड़ियाघर के जानवर मौसमी ताजे फलों का आनंद लेने के साथ ही पानी में अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं. गर्मी से राहत दिलाने के लिए वन्यजीव के बाड़ों में ताजे पानी के साथ उनके पिंजरों में कूलर व पंखे का इंतजाम किया गया है. शेर, तेंदुआ व बाघ के पिंजरे में कूलर लगाये गये हैं.
हिरण के बाड़े में लगाये गये छोटे फव्वारे जानवरों को राहत पहुंचा रहे हैं. इसके साथ ही हाथियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए सुबह-शाम नहलाया जा रहा है. खुले में घूमने वाले जानवरों के लिए अस्थायी छप्पर का निर्माण भी किया गया है, ताकि वन्यजीवों को छांव मिल सके. उनके पानी पीने के लिए छोटे-छोटे तालाब बनाये गये हैं.
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मौसम के बदलते ही जू में जानवरों की खुराक में बदलाव किया गया है. चिड़ियाघर में एक अधिकारी के मुताबिक, मांसाहारी जानवरों को दी जाने वाली मांस की मात्रा कम कर दी गयी है. साथ ही अन्य ठोस व पेय पदार्थों में बढ़ोतरी की गयी है. जानवरों को तरबूज, खरबूज, ककड़ी व खीरा दिये जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि मौसमी फलों के जरिये जानवर तरोताजा महसूस करते हैं व उन्हें गर्मी का एहसास भी कम होता है. इसलिए प्रशासन की ओर से मौसमी फलों को खाने में शामिल किया गया है.
जू अधिकारी का कहना है कि अभी शेर, तेंदुआ, बाघ व मांस खाने वाले अन्य जानवरों के बाड़े में कूलर की सुविधा मुहैया करायी गयी है, लेकिन जिस तरह से गर्मी पड़ रही है. वन्यजीवों को राहत देने के लिए अन्य पिंजरों में भी कूलर लगाने जरूरत पड़ेगी, तो उसे लगाया जायेगा.