मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गया, बोधगया, नवादा और राजगीर में जल संकट को दूर करने के लिए 4175 करोड़ रुपये की लागत से गंगाजल पहुंचाने का काम इसी साल पूरा कर लिया जायेगा. इससे गया और बोधगया की पवित्र भूमि पर रहने वाले लोगों को पवित्र गंगाजल भी मिलेगा. प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर गंगा का जल कपड़ा धोने से लेकर नहाने तक के काम में इस्तेमाल कर सकेंगे.
शनिवार को बोधगया में 153 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के ठीक बगल में पर्यटकों के लिए 136 करोड़ रुपये की लागत से 100 कमरे के विशिष्ट अतिथि गृह का निर्माण करा रहे हैं. इसके साथ-साथ इसके एप्रोच पथ का काम भी इस साल के दिसंबर माह तक पूरा कर लिया जायेगा. इससे पर्यटकों की संख्या में और अधिक इजाफा होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास हमने 13 अक्तूबर, 2018 को किया था. वर्ष 2020 तक इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक संख्या गया और बोधगया का भ्रमण करने वाले पर्यटकों की होती है. इसे ध्यान में रख कर ही महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र काफी अच्छे ढंग से बना है. यह पटना में बने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र से भी बेहतर है. कोई भी चाहे तो यहां आकर मीटिंग कर सकता है. इसके मेंटेनेंस का काम निरंतर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक विशिष्ट अतिथि गृह बनकर तैयार हो जायेगा तो यहां आने वाले लोग काफी अच्छा महसूस करेंगे. बेहतर संचालन एवं रखरखाव के लिए इसे निजी संस्था को सौंपा जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर बिहार में शराबबंदी लागू की गयी. बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है. पहले स्वयं सहायता समूहों की संख्या कम थी. हम लोगों ने इसकी संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया. महिलाओं के सक्रिय होने से घर की आमदनी बढ़ रही है. महिलाओं से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के लिए पूरी मजबूती से काम करें. आप सभी मिल कर एकजुटता के साथ काम करेंगे तो बिहार ही नहीं पूरे देश के लिये यह उदाहरण बनेगा.
लोकार्पण से पूर्व मुख्यमंत्री ने महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने मीटिंग रूम, बहुद्देशीय हॉल, डायनिंग हॉल, अति विशिष्ट कक्ष और अतिथियों एवं पर्यटकों के आवासन हेतु केंद्र के प्रांगण में निर्माणाधीन भवन के संबंध में विस्तृत जानकारी ली.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गया ज्ञान और मोक्ष की भूमि है. यहां की नदी में पानी खत्म होने से लोगों को काफी कठिनाई होती थी. इसे ध्यान में रखते हुए हमलोग यहां एक रबर डैम बना रहे हैं ताकि 12 महीने पानी उपलब्ध रहे. इसके लिए 266 करोड़ रुपये की योजना बनाकर काम किया जा रहा है. काफी पहले से गया, बोधगया, नवादा और राजगीर में जल संकट की समस्या को दूर करने की योजना थी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan