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देवघर रोप-वे हादसा: PM मोदी ने पन्नालाल, सेना से सुनी 48 जान बचाने के लिए 46 घंटे चले रेस्क्यू की कहानी

पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाये. अनेक साथी घायल भी हुए हैं. पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है. उन्होंने कहा कि मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.

नयी दिल्ली/देवघर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में बुधवार शाम को हुए देवघर रोपवे हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल रहे भारतीय वायु सेना, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों तथा सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों से बात की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आपने तीन दिनों तक, चौबीसों घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की जान बचायी है. मैं इसे बाबा वैद्यनाथ जी की कृपा भी मानता हूं.

पीएम मोदी बोले- सेना पर हमें गर्व है

पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाये. अनेक साथी घायल भी हुए हैं. पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है. उन्होंने कहा कि मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. पीएम ने कहा कि देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ (NDRF), आईटीबीपी (ITBP) के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है.

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पन्नालाल ने पीएम को ऑपरेशन के बारे में बताया

इस अवसर पर ऑपरेशन में शामिल जवानों ने अपने अनुभव भी पीएम मोदी के साथ शेयर किये. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. पीएम मोदी ने एयरफोर्स के सभी जवानों और अधिकारियों की प्रशंसा की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के साथ मौजूद पन्नालाल ने अपनी राय रखी. पन्नालाल ने 22 लोगों की जान बचायी थी. उन्होंने बताया कि कैसे घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद वे अपने साथियों के साथ पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू कर दिया.

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पन्नालाल ने आईटीबीपी के गार्ड का काम किया

आईटीबीपी की ओर से पीएम मोदी को बताया गया कि आईटीबीपी के लिए गाइड का काम किया. पन्नालाल ने ही सेना के जवानों को बताया कि किन ट्रॉलियों में बच्चे हैं. पीएम ने कहा कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य से काम करते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है. आपने जिस धैर्य का परिचय दिया, उसके लिए आप प्रशंसा के पात्र हैं.

उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने बताया- कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन

स्थानीय प्रशासन की ओर से उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ को भेजा और एनडीआरएफ को सूचना दी. इसके बाद एसपी के साथ मैं खुद घटनास्थल पर पहुंचा. घायलों को अस्पताल में भिजवाया. केबल कार के एक्सपर्ट और एनडीआरएफ की टीम के अलावा स्थानीय लोगों की मदद से समझा कि हवाई मार्ग से ही राहत अभियान चला सकते हैं. पहले दिन सबसे बड़ा चैलेंज था कि लोगों का हौसला कैसे बढ़ाया जाये.

हमने केबल कंपनी के कर्मचारियों और एनडीआरएफ की मदद से बिजली और पानी पहुंचाने का इंतजाम किया. जहां तक लोग पहुंच नहीं सकते थे, लोगों से माइक से बात की. स्थिति का आकलन किया और पता किया कि ट्रॉली में 48 लोग हैं. एयरफोर्स के आने से पहले ही हेलीपैड तैयार कर दिया गया था. एनडीआरएफ और भारतीय सेना के जवान जब पहुंचे, तो उन्होंने भी कहा कि हवाई मार्ग से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है.

उन्होंने बताया कि सुबह-सुबह 4 बजे एक कॉल आया. एक व्यक्ति ने कहा कि हमें जल्द निकालिए, क्योंकि सुबह-सुबह मेरे बेटे का बोर्ड एग्जाम है. इससे हम आश्वस्त हुए कि लोगों का हौसला अभी बाकी है. एक और व्यक्ति ने सुबह 5 बजे फोन करके कहा कि आप बार-बार कह रहे हैं कि हेलीकॉप्टर आ रही है, अब तक क्यों नहीं आयी. क्या नौटंकी हो रही है. हमने उन्हें आश्वस्त किया कि हेलीकॉप्टर आ रहा है. उन्हें जल्द सुरक्षित निकाल लिया जायेगा. इसके बाद तमाम एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने के बाद ऑपरेशन जारी रखा. रात में ड्रोन की मदद से लोगों को भोजन और पानी पहुंचाया गया.

वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है

पीएम मोदी ने कहा कि वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है. संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है. उनमें नयी उम्मीद जाग जाती है. उन्होंने कहा कि देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है.

रेस्क्यू ऑपरेशन का डॉक्यूमेंटेशन करें

पीएम मोदी ने कहा कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन का डॉक्युमेंटेशन करें. इसका केस स्टडी तैयार करें, ताकि भविष्य में अगर कभी ऐसी नौबत आये, तो उससे बेहतर तरीके से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि इस आपदा ने एक बार फिर ये स्पष्ट कर दिया कि जब भी देश में कोई संकट होता है, तो हम सब मिलकर एक साथ उस संकट से मोर्चा लेते हैं और उस संकट से निकलकर दिखाते हैं. सबके प्रयास ने इस आपदा में भी बहुत बड़ी भूमिका निभायी है.

12 ट्रॉली में फंसे थे 48 पर्यटक

देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार को रोपवे की ट्रॉलियां टकराने के कारण हुए हादसे के बाद 12 ट्रॉलियों में फंसे 48 पर्यटक 46 घंटे से अधिक समय तक केबल कारों में फंसे रहे थे. इन पर्यटकों को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के संयुक्त दलों ने अभियान चलाया था. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी थी.

Posted By: Mithilesh Jha

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