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देवघर रोपवे हादसा में ITBP और NDRF टीम की क्या थी भूमिका, जानें पूरी योजना

देवघर रोपवे हादसे में आइटीबीपी और एनडीआरएफ के लिए काफी चैलेंजिग रेस्क्यू था. आइटीबीपी की टीम रविवार रात दो बजे ही त्रिकुट रोप-वे पहुंच गयी थी और ऑपरेशन में जुट गयी. वहीं एनडीआरएफ भी उसी दिन से घटना स्थल पर जुटी हुई थी.

देवघर : देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन में 46 लोगों को बचा लिया गया, जबकि 3 लोगों की मौत हो गयी. 46 घंटे तक चले इस अभियान में सेना के जवानों ने बड़ी भूमिका निभायी. इस ऑपरेशन में आइटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान भी शामिल थे. जिनके सहयोग के बिना कभी इस अभियान में सफलता नहीं मिलती. आईये जानते हैं उनके लिए ये रेस्क्यू कितना चैलेंजिग था.

त्रिकुट रोप-वे काफी चैलेंजिग रेस्क्यू था. आइटीबीपी की टीम रविवार रात दो बजे ही त्रिकुट रोप-वे पहुंच गयी थी और ऑपरेशन में जुट गयी. इस दौरान आइटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट विपुल वत्स के नेतृत्व में लगातार मॉनिटरिंग की गयी. आइटीबीपी की मेडिकल व इंजीनियरिंग टीम ने पूरे संसाधन के साथ काम शुरू कर दिया.

स्थानीय लोगों की मदद से जंगल में प्रवेश कर जवानों ने पहले राहत सामग्री पहुंचाने का काम शुरू किया, उसके बाद दूसरे दिन सुबह दो ट्रॉली से स्थानीय लोगों को रेस्क्यू के दौरान काफी मदद की. आइटीबीपी के सभी जवान त्रिकुट पहाड़ पर पूरी तरह डटे रहे. मेंटेनेंस ट्रॉली के जरिये आइटीबीपी के अधिकारी रोप-वे के ऊपर चोटी तक गये व स्थिति का जायजा लिया.

आइटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट विपुल वत्स ने कहा कि आइटीबीपी इस चैलेंजिग वर्क में फर्स्ट रिस्पांसर के तौर पर काम किया है, जिससे अन्य जवानों के साथ-साथ रेस्क्यू में लगे स्थानीय लोगों को भी काफी हौसला मिला. आइटीबीपी की टीम पर्वत के आपदा पर विशेष तौर पर काम करती है, उस अनुसार हमारी टीम ने काम किया है. सबसे पहले भोजन व पानी रोपिंग कर ट्रॉली में पानी दिये जाने के बाद उत्साह बढ़ता गया. सभी तकनीक का इस्तेमाल कर इस ऑपरेशन में सफलता पायी है.

एनडीआरएफ

रेस्क्यू चुनौतीपूर्ण थी, टीम वर्क से हुए सफल : डीआइजी

त्रिकूट रोपवे हादसे के बाद रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम देवघर व पटना से रविवार को ही पहुंच गयी थी. एनडीआरएफ के करीब 60 जवान व अधिकारियों की पूरी टीम अपने संसाधनों के साथ रविवार रात से ही रेस्क्यू में लग गयी थी. शुरुआत में मैनुअल तरीके से 11 लोगों के रेस्क्यू में स्थानीय लोगों के साथ एनडीएआएफ की टीम ने काफी सहयोग किया.

11 लोगों को पहाड़ से नीचे उतारने में एनडीआरएफ के जवान शामिल थे. साथ ही मेंटेनेंस ट्रॉली से ऊपर जाकर फंसी हुई कई ट्रॉलियों में पानी व भोजन एनडीअारएफ के जवानों ने पहुंचाया. इस पूरे ऑपरेशन में तीन दिनों तक एनडीआरएफ के डीआइजी एमके यादव, कमांडेंट सुनील सिंह समेत कई अधिकारी शामिल रहे. एनडीआरएफ के डीआइजी एमके यादव ने कहा कि रोप-वे की घटना व रेस्क्यू काफी चुनौतीपूर्ण था.

शुरुआत से ही रात में कार्य करने में परेशानी हो रही थी, बावजूद टीम ने सजगता के साथ काम किया. एनडीआरएफ के पदाधिकारी व जवानों के साथ-साथ वायुसेना, आइटीबीपी व आर्मी के जवानों के सहयोग व टीम वर्क से इस ऑपरेशन में सफलता मिली है. खाई अधिक होने से रेस्क्यू में काफी परेशानियां आ रही थी, लेकिन तकनीकी टीम वर्क से सारे कार्य आसान होते गये. एनडीआरएफ हर मुश्किल के लिए तैयार है.

Posted By: Sameer Oraon

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