Uttar Pradesh News: यूपी सरकार बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को दोबारा तैनाती देने जा रही है. उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लिए ये एक बड़ा फैसला हो सकता है. बता दें कि इसके लिए 17 एवं 18 अप्रैल को काउंसिलिंग होगी. इसमें डॉक्टरों को अस्पताल आवंटित किए जाएंगे. इन डॉक्टरों को उनके अंतिम वेतन से पेंशन की रकम कम करके मानदेय दिया जाएगा. बता दें कि स्वास्थ्य महानिदेशालय ने रिटायर होने वाले डॉक्टरों के दोबारा तैनाती ने लिए आवेदन मांगे थे.
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों को दोबारा तैनाती के लिए आवेदन मांगे थे. इसके लिए 198 डॉक्टरों ने आवेदन किया है. इनमें से 100 डॉक्टरों को 17 अप्रैल एवं अन्य को 18 अप्रैल को अस्पताल आवंटित किए जाएंगे. बता दें कि दोबारा तैनात होने वाले डॉक्टर को प्राइवेट प्रैक्टिस न करने और बाहर से दवा न लिखने का शपथ पत्र देना होगा.
बता दें कि जानकारी के मुताबिक यूपी के सरकारी अस्पतालों में करीब 10 फीसद डाक्टरों के पद खाली है. और उस पर हर साल बहुत से डाक्टरों के रिटायर होने से सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी हो रही है. यूपी सरकार इस मामले में अलर्ट हो गई है. बता दें कि पिछले साल योगी सरकार ने प्रदेश में सरकारी मेडिकल कालेजों में डाक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र 5 साल बढ़ा कर 70 साल करने का फैसला किया था. उत्तर प्रदेश में सरकारी मेडिकल कालेजों में डाक्टरों की अभी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है. प्रदेश में कोरोना के बाद डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार के साथ-साथ स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस जैसे संक्रामक रोगों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत होती है.