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देवघर रोपवे हादसा- जांबाज जवानों ने दिखायी दिलेरी, ऐसे खींच लाये 46 लोगों को मौत के मुंह से

देवघर रोपवे हादसे में 46 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इस ऑपरेशन में 225 जवान लगे हुए थे. देश में पहली बार रोप-वे पर इतना लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चला. 3 दिन तक चले इस ऑपरेशन में 3 लोगों की जान चली गयी.

देवघर: त्रिकूट रोप-वे पर हुए हादसे के 46 घंटे बाद वायुसेना, आइटीबीपी व एनडीआरएफ के जवानों ने 46 लोगों को ट्रॉली से सुरक्षित निकाल लिया. अभियान में 225 जवान और दो हेलीकॉप्टर लगाये गये थे. आइटीबीपी के जवानों ने बताया कि यह अब तक का सबसे कठिन ऑपरेशन था.

एयरफोर्स के अधिकारियों की मानें तो देश में पहली बार रोप-वे पर इतना लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चला. पहली बार 900 फीट से अधिक ऊंचाई पर फंसे लोगों को एयरलिफ्ट किया गया. यह भी पहली बार हुआ कि इस ऑपरेशन में एयरफोर्स, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, आर्मी व पुलिस के जवान लगे रहे. अंतिम दिन जवानों ने 13 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया.

तीन बार लौटा हेलीकॉप्टर :

ट्रॉली नंबर 19 में हेलीकॉप्टर के कमांडो को तार की वजह से रेस्क्यू करने में काफी परेशानी हुई. ट्रॉली के बीच में तार रहने की वजह से कमांडो को ट्रॉली से हाथ में चोट भी लग गयी. काफी मशक्कत के बाद भी जवान ट्रॉली में प्रवेश नहीं कर पा रहे थे. इस दौरान तीन बार हेलीकॉप्टर लौट गया. करीब आधे घंटे बाद 11:30 बजे फिर रेस्क्यू शुरू हुआ और दो लोगों को ट्रॉली से निकाला गया.

क्या- क्या हुआ तीन दिन में

रविवार : शाम करीब चार बजे पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया. इससे 23 ट्रॉली एक झटके में सात फीट नीचे झुक कर लटक गयी. सबसे ऊपर की ट्रॉली 40 फीट नीचे आकर लटक गयी. घटना में सारठ की महिला सुमंती देवी की मौत हो गयी. देर रात तक स्थानीय स्तर पर 11 लोगों को निकाला गया. निचली ट्रॉली के कुछ लोग खुद कूद कर उतर गये. करीब 48 लोग फंसे रहे.

सोमवार : रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ब्रह्मस्त्र कोर कोकरेल डिवीजन से एयर फोर्स के गरुड़ कमांडो बुलाये गये. दो हेलीकॉप्टर भी मंगाये गये. एनडीआरएफ, आइटीबीपी के जवान भी पहुंचे. सुबह 11 बजे रेस्क्यू शुरू हुआ. कुल 33 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. 23 लोग एयरलिफ्ट किये गये. 10 लोगों को स्थानीयों ने निकाला. इस दौरान सेल्टी बेल्ट टूटने से दुमका के सरैयाहाट के राकेश मंडल की 860 फीट खाई में गिरने से मौत हो गयी. 14 लोग रात भर फंसे रहे.

अंतिम दिन एयरलिफ्ट किये जाने के दौरान रस्सी टूटी, 300 फीट नीचे गिरी महिला, मौत

कैसे गिरी महिला

वायुसेना के हेलीकॉप्टर से कमांडो जैसे ही अंतिम ट्रॉली नंबर सात में प्रवेश किये तो सेफ्टी बेल्ट की रस्सी ट्रॉली के ऊपर एंगल में फंस गयी. हेलीकॉप्टर से रस्सी को काफी ढील दी गयी. इसके बाद कमांडो ने पहले शोभा देवी को निकाला. इसी बीच एंगल में रस्सी फंसे होने की वजह से उसे एयर लिफ्ट करने में परेशानी हो रही थी. शोभा देवी को बचाने के लिए वायुसेना का जवान ट्रॉली के ऊपर चढ़ गया. रस्सी को छुड़ाने का काफी प्रयास किया. पर इसी दौरान रस्सी टूट गयी और शोभा देवी करीब 300 फीट नीचे खाई में गिर गयी. महिला शोभा देवी (60) देवघर के झौंसागढ़ी की रहनेवाली थी. घटना के समय शोभा देवी के साथ उनके पति छठी साह भी मौजूद थे.

बच्चों के लिए ट्रॉली में रात भर रुके जवान

मंगलवार को सुबह करीब साढ़े छह बजे से ही वायुसेना के जवानों ने बचे 14 लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. सुबह छह बजे सबसे पहले वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पहले उस ट्रॉली में नाश्ता व पानी पहुंचाया, जहां कमांडो एक दिन पहले दो बच्चे के साथ रात भर रुक गये थे. सेना का एक जवान भी सोमवार रात से ट्रॉली में था. वह ट्रॉली में मौजूद दो बच्चों की देखभाल के लिए खुद वहां रुक गये थे. करीब सात बजे जवान व दोनों बच्चों को एयरलिफ्ट कर निकाला गया. इसके बाद सुबह 8:25 बजे एक ट्रॉली से रेस्क्यू कर सात लोगों को निकाला गया.

Posted By: Sameer Oraon

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