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भीषण गर्मी से पानी के लिए हाहाकार, नहर व पोखर सहित चापाकल तोड़ने लगे हैं दम, लोगों के सूख रहे कंठ

सासाराम के लोगों को ऐसी तपिश व तीखी धूप की मार मई-जून महीने में देखने को मिलती है. लेकिन, इस बार अप्रैल माह में ही गर्मी के तेवर तल्ख हो गये हैं. तपिश ने शुरुआती माह से ही लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

सासाराम के लोगों को ऐसी तपिश व तीखी धूप की मार मई-जून महीने में देखने को मिलती है. लेकिन, इस बार अप्रैल माह में ही गर्मी के तेवर तल्ख हो गये हैं. तपिश ने शुरुआती माह से ही लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. सुबह 10 बजे के बाद तेज धूप लोगों पर कहर बन कर टूट रही है. मानो सूर्य सिर्फ आग का गोला उगल रहा है. इससे लोगों के कंठ सूखने लगे हैं.

पानी के लिए मचा है हाहाकार

तपिश से आहर, नहर व पोखर सहित चापाकल दम तोड़ने लगे हैं, जिससे पानी के लिए कई जगहों पर हाहाकार मचा है. बाजार की सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. देर शाम धूप ढलने के बाद ही लोग घरों से बाहर निकल पा रहे हैं. यह समस्या जिलेभर में देखी जा सकती है. लेकिन, इसमें सबसे अधिक बेहाल व परेशानी जिले के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र प्रखंडों के लोगों को हो रही है.

पानी के लिए रातों की नींद उड़ी

तपिश धूप के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में पानी को लेकर सर्वत्र हाहाकार मचा हुआ है. इसको लेकर प्रशासन द्वारा कुछ गांवों में पानी का टैंकर पहुंचाया जा रहा है. लेकिन, ये लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं, पेयजल-आपूर्ति के सार्वजनिक नलों पर पानी के लिए अहले सुबह से ही लोगों की भीड़ लग जाती है. लेकिन वहां भी प्रतिदिन पानी नहीं आने से लोग मायूस हो वापस आ जाते हैं. पानी किल्लत से लोगों की रात की नींद भी हराम हो गयी है. कई जगहों पर लोग पानी के लिए रतजगा कर रहे हैं. बावजूद पानी नहीं मिल रहा है.

40 फुट खिसक चुका है पानी का लेयर

गर्मी की तपिश ने शुरुआत से ही पहाड़ी इलाकों में रहनेवाले लोगों को पानी के लिए बेदम कर रखा है. गर्मी की वजह से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों का भू-जलस्तर गिर रहा है. वर्तमान में पहाड़ी क्षेत्रों में 40 फुट तक पानी का लेयर नीचे खिसक गया है, जबकि अभी पूरी गर्मी का मौसम मई-जून माह बाकी है. अगले माह से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों को पानी के लिए और किल्लत व परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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सैकड़ों चापाकल तोड़ रहे हैं दम

लगातार बढ़ रही तपिश गर्मी से पहाड़ी इलाकों में विकट जल संकट गहराने लगा है. पहाड़ी क्षेत्रों के अधिकतर कुएं व तालाब सूख चुके हैं. वहीं, हैंडपंपों की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है. पहाड़ी क्षेत्र के सैकड़ों हैंडपंप दम तोड़ते हुए पानी देना छोड़ चुके हैं. इससे अनियमित पेयजलापूर्ति से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.

इन क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार

गर्मी के कारण पेयजल की समस्या तो जिले के सभी प्रखंडों में देखी जा रही है. लेकिन, इस समय सबसे अधिक परेशानी जिले के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र के प्रखंड रोहतास व नौहट्टा के लोगों को है. जहां पेयजल संकट और विकराल होता जा रहा है. इसके अलावा तिलौथू, चेनारी, शिवसागर, सासाराम व कोचस में भी पानी का लेयर खिसकने लगा है. इससे लोगों को पानी के लिए काफी परेशानियों का सामना कराना पड़ता है. इसे देख अन्य प्रखंड क्षेत्रों के लोगों को भी पानी की चिंता सताने लगी है.

पेयजलापूर्ति के लिए प्रशासन अलर्ट

इस संबंध में पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता शमी अख्तर ने बताया कि गर्मी को देखते हुए पेयजलापूर्ति के लिए प्रशासन अलर्ट है. पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के निदान के लिए लगातार संबंधित कार्य किये जा रहे हैं. चापाकलों की मरम्मत करायी जा रही है. जहां पानी की अधिक किल्लत है, वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है.

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