गुमला: तंगहाली में सही तरीके से इलाज नहीं हो पाने के कारण वीर शहीद तेलंगा खड़िया के पोते जोगिया खड़िया (63) का रविवार रात में निधन हो गया. आजादी के इतने सालों के बाद भी वीर शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज इलाज के लिए तरस रहे हैं. सिसई के नागफेनी घाघरा गांव स्थित पहाड़ की तलहटी में वंशजों के घर हैं.
मालूम हो कि इस गांव को प्रशासन ने गोद लिया है, लेकिन कोई सुविधा नहीं दी. जोगिया खड़िया पिछले पांच माह से बीमार थे. सोमवार को घाघरा गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया. जोगिया अपने पीछे पत्नी पुनिया खड़िया (61) व पुत्र विकास खड़िया (19) को छोड़ गये.
परिजनों ने बताया कि पैसे के अभाव में जोगिया खड़िया का सही तरीके से इलाज नहीं हो सका. पांच माह पहले जब जोगिया बीमार हुए थे, तो प्रभात खबर में खबर छपने पर उन्हें प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन एक माह इलाज के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया. जहां पुन: जोगिया की तबीयत खराब हो गयी. गांव में ही उनका झाड़फूंक चल रहा था. पुत्र विकास खड़िया ने कहा कि उनके पिता जोगिया की मौत सही इलाज नहीं होने के कारण हुई है.
मृतक जोगिया की पत्नी पुनिया खड़िया भी तीन माह से बीमार चल रही हैं. वह घर में रह कर झोलाछाप डॉक्टरों के साथ-साथ ओझा भगत से झाड़फूंक कर अपना इलाज करा रही हैं. पुनिया की पथरी का भी ऑपरेशन हुआ है. ऑपरेशन के लिए पूर्वजों की जमीन को बंधक रखी है.
मृतक जोगिया का पुत्र विकास खड़िया एसएस प्लस टू गुमला में इंटर का छात्र है. लेकिन माता-पिता के बीमार होने पर वह एक साल पहले पढ़ाई छोड़ कर मजदूरी करने लगा. गोवा में जाकर मजदूरी करता है. पिता की बीमारी के कारण गांव में ही था.
Posted By: Sameer Oraon