Gorakhpur News: जिलाधिकारी की गोपनीय जांच में आरटीओ और रजिस्ट्री विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हुआ है. राजस्व क्षति, गबन के लिए जालसाजी करने का मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर केस दर्ज हुआ है, जिसमें उप निबंधक के.के. तिवारी, आरटीओ और रजिस्ट्रार दफ्तर के 12 अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं. भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कैंट और शाहपुर थाने में अलग-अलग केस दर्ज किया गया है. साथ ही, कैंट और शाहपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.
वहीं, मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि आरोपी विजय मिश्रा, अशोक उपाध्याय और होमगार्ड अर्जुन प्रसाद को भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार किया गया है. एसपी सिटी ने खुलासे के दौरान बताया कि आरटीओ दफ्तर में अवैध वसूली कर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और उपनिबंधक कार्यालय से लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें जिला प्रशासन के पास आ रही थीं. शिकायत के बाद डीएम ने गोपनीय जांच करायी.
गोपनीय जांच में कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा दलालों के माध्यम से रुपये लेने की बात सामने आई. ऐसे में जांच में पुष्टि के बाद डीएम ने एसएसपी से भ्रष्टाचार में लिप्त सभी 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
इसके साथ ही एसपी सिटी ने बताया कि भ्रष्टाचार में दलालों के अलावा, दोनों विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की संलिप्तता के भी ठोस सबूत मिले हैं. रजिस्ट्री विभाग में सात और आरटीओ में पांच लोगों के नाम सामने आए हैं. सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर