15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Aligarh News: पशुपालकों को सता रहा मुंहपका और खुरपका बीमारी का डर, इस तरह करें बचाव

वरिष्ठ पशु शल्य चिकित्सक डॉक्टर विराम वार्ष्णेय ने प्रभात खबर को बताया कि खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों का पता लगते ही उस पशु को अन्य पशुओं से अलग आइसोलेटेड कर देना चाहिए. दूध निकालने वाले व्यक्ति को हाथ और मुंह साबुन से धोने चाहिए.

Aligarh News: साल 2020 में कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लगातार टीकाकरण का अभियान चला, पर तब से लेकर अब तक पशुओं को खुरपका- मुंहपका जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण नहीं हो सका, जिससे पशु पालकों में चिंता बढ़ती जा रही है. पशुओं की वैक्सीन भी नदारद है.

2020 में हुआ था पशुओं का टीकाकरण

दो साल पहले 2020 में अलीगढ़ के 12 लाख पशुओं को खुरपका- मुंहपका जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण हुआ था, फिर कोरोना की पहली, दूसरी, तीसरी लहर के चलते लोगों के टीकाकरण के चक्कर में पशुओं को टीके की सुरक्षा नहीं मिल पाई.

Also Read: Aligarh News: बापू के पुतले को गोली मारकर चर्चित होने वाली महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा को मिली धमकी, FIR दर्ज
पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता हुई खत्म

दो साल पहले 2020 में पशुओं का टीकाकरण हुआ, पर उसके बाद टीकाकरण ना होने से पशुओं में खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो गई है. अब पशुपालकों में पशुओं के लिए चिंता बढ़ गई है.

Also Read: Aligarh News: एएमयू का यूजीसी एचआरडी सेंटर दूसरे स्थान पर, 0.02 अंक से केरल विश्वविद्यालय अव्वल
आवारा पशु व गोशाला में रखे पशुओं का टीकाकरण मुश्किल

जिन पशुओं को पशु पालक पालते हैं, उनका वह टीकाकरण कराते हैं, परंतु जो पशु आवारा इधर-उधर घूमते हैं, उनको टीका लगवाने की जिम्मेदारी किसकी है ? जो पशु गोशालाओं में रखे जाते हैं, वहां टीकाकरण नहीं हो पाता क्योंकि कई गोशालाओं की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि उन्हें चारा मिलना भी मुश्किल हो रहा है, तो टीकाकरण की जिम्मेदारी कौन लेगा ?

पशुओं का साल में दो बार होता है टीकाकरण

पशुओं को खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाने के लिए साथ में दो बार यानी 6-6 माह पर टीकाकरण कराया जाता है. इस टीके की रोग प्रतिरोधक क्षमता 6 माह की है. पिछले 2 साल से टीकाकरण नहीं कराया गया, जिस कारण पशुओं के रोग प्रतिरोधक क्षमता करीब सवा-डेढ़ साल पहले ही खत्म हो चुकी है. 4 माह तक के गाय और भैंस के बच्चे को टीका नहीं लगाया जाता. 8 माह से अधिक गर्भवती गाय और भैंस को भी टीका नहीं लगाया जाता है.

यह है खुरपका-मुंहपका बीमारी

पशुओं में खुरपका और मुंहपका बीमारी अधिकतर देखी जाती है. खुर यानी पशु के नाखून में घाव हो जाना और मुंह में सूजन आ जाना ही खुरपका और मुंहपका बीमारी कहलाती है. पशु के जीभ और तलवे में छाले हो जाते हैं. छाले घाव में बदल जाते हैं. पशु भोजन करना और जुगाली करना बंद कर देते हैं. मुंह से लगातार लार टपकती रहती है.

ऐसे करें बीमारी से बचाव

वरिष्ठ पशु शल्य चिकित्सक डॉक्टर विराम वार्ष्णेय ने प्रभात खबर को बताया कि खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों का पता लगते ही उस पशु को अन्य पशुओं से अलग आइसोलेटेड कर देना चाहिए. दूध निकालने वाले व्यक्ति को हाथ और मुंह साबुन से धोने चाहिए. पशु को दिख रहे लक्षण के हिसाब से तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाना चाहिए.

रिपोर्ट – चमन शर्मा, अलीगढ़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें