Jharkhand news: ग्रामीण विकास विभाग की वार्षिक कार्ययोजना पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंत्री आलमगीर आलम ने रांची के सर्ड में किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बार एक नई शुरूआत की जा रही है. वर्ष 2021-22 में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न इकाईयों के माध्यम से कई ग्रामीण विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया. साथ ही कार्यान्वयन के दौरान कई खामियों को भी चिह्नित किया गया है. कहा कि महामारी के दौरान ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े पदाधिकारियों ने बेहतर संवाद स्थापित कर विकास कार्यो को अंजाम दिया है. ग्रामीण क्षेत्र के उपेक्षित और कमजोर लोगों को आर्थिक रूप से सबल बनाते हुए उन्हें स्वाबलंबित बनाने का काम किया जाये.
विकास योजनाओं को धरातल पर उतारना प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत बिरसा हरित एवं दीदी बाड़ी समेत विभिन्न योजनाएं सरकार चला रही है. उन योजनाओं को धरातल पर सफलतापूर्वक उतारना है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेहतर कार्य हुआ है. केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी अपनी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी देकर योजना को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई है. इस कार्यशाला के माध्यम से पदाधिकारी लक्ष्य निर्धारित कर समय सीमा के अन्दर कार्य करने की नीतियों को अनुसरण करेंगे, ऐसी उम्मीद है.
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित
मंत्री श्री आलम ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो भी ट्रेनर ट्रेनिंग देंगे उनकी बातों को आत्मसात करने की जरूरत है, ताकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें. कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं को संचालित किया जा रहा है. किसानों की जमीन को सही समय पर पानी मिल सके और किसानों को ससमय बीज उपलब्ध हो सकें, इसके लिए कृषि विभाग से समन्वय स्थापित करने की जरूरत है.
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गरीबी दूर करने के लिए गरीबों तक पहुंचना जरूरी : डॉ मनीष रंजन
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि योजनाओं का कार्यान्वयन पारदर्शी तरीके से संपन्न हो और लाभुकों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे. कहा कि कार्यशाला के माध्यम से दो दिनों तक विचारों को अदान-प्रदान पदाधिकारियों के बीच होगा. उससे कई नई बातें निकलकर सामने आएंगी. ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न विंग की अपनी-अपनी टीम है और प्रत्येक टीम ने बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास किया है. कार्यशाला के माध्यम से सभी टीम की अपेक्षाओं का विश्लेषण किया जायेगा.
योजनाओं की गाइडलाईन के मुताबिक हो काम
उन्होंने कहा कि योजनाएं 30 दिन, तीन माह, 6 माह और एक वर्ष के लिए बनायें तथा समय के अंदर काम हो इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाये, तो परिणाम बेहतर निकल सकते हैं. योजनाओं की गाइडलाईन के मुताबिक काम करें और एक बात का ध्यान रखें कि गरीबी दूर करने के लिए गरीबों तक पहुंचना जरूरी है. इसलिए योजनाओं की मॉनिटरिंग कार्यस्थल पर जाकर होनी चाहिए. पारदर्शिता, गुणवत्ता और योजनाओं की पूर्णता पर फोकस करना बहुत जरूरी है.
प्रशिक्षण का उद्देश्य लोगों के साथ सामंजस्य बनाना : उमाकांत
केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय के संयुक्त सचिव उमाकांत ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य लोगों के साथ सामंजस्य बनाना है और लक्षित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करने की जरूरत है. झारखंड एक अमीर प्रदेश है और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए स्थल का निरीक्षण बहुत कुछ मायने रखता है, जो योजनाओं के सफल होने की गारंटी है.
योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग जरूरी : मनरेगा आयुक्त
वहीं, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने धन्यवाद ज्ञापन के दौरान कहा कि ग्रामीण विकास की परिकल्पना को साकार करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ सामंजस्य बिठाना होगा, तभी हम ग्रामीण क्षेत्र के विकास के सपने को पूरा कर सकते हैं. कहा कि विभिन्न स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है और ऐसी योजनाएं ज्यादा सफल साबित हुई हैं जिनकी मॉनिटरिंग लगातार और योजना स्थल पर जाकर की गयी है.
ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित पुस्तक का विमोचन
इस मौके पर ग्रामीण विकास विभाग की उपलब्धियों से संबंधित पुस्तक का भी विमोचन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से सर्ड निदेशक सह जेएसएलपीएस सीइओ सूरज कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राम कुमार सिन्हा सहित विभिन्न जिलों से आये डीडीसी और पदाधिकारी उपस्थित थे.
Posted By: Samir Ranjan.