मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में इलाज के लिए पहुंची एक बच्ची में एइएस की पुष्टि हुई है. वहीं चार बच्चे सस्पेक्टेड भर्ती हुए हैं. उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चे की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गयी है.
कुढ़नी के लदौरा के ढाई साल की दर्पण कुमारी सात अप्रैल को अस्पताल आयी थी, जिसमें हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि हुई है. उसका भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. अबतक बीमार हुए बच्चों में सात बच्चे और चार बच्ची हैं. वहीं इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो चुकी है. वहीं पांच केस मुजफ्फरपुर के, तीन मोतिहारी के, दो सीतामढ़ी के और एक अररिया के हैं.
जिले का पहला केस एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में नगर थाना के सरैयागंज के मुकेश साह के ढाई वर्षीय पुत्र अविनाश कुमार में मिला़ उसमें एइएस की पुष्टि हुई है. अविनाश इस सीजन का पांचवां बीमार बच्चा था. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीकू वार्ड में भर्ती कर एइएस के प्राटोकॉल के तहत इलाज शुरू किया गया है.
आरबीटीएस होम्योपैथिक कॉलेज के आउटडोर में आने वाले बच्चों को एइएस से बचाव की खुराक दी जा रही है. इसकी जानकारी देते हुए कॉलेज की पीएसएम विभाग के डॉ शमीम आलम ने बताया कि पिछले तीन सालों से लगातार बच्चों को एइएस से बचाव की खुराक दी जा रही है. इस खुराक से बच्चों को फायदे भी हो रहे हैं.
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इस साल भी इस अभियान को शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि जीरो से 15 साल के जो बच्चे आते हैं, उनको होम्योपैथिक की दवा दी जा रही है. दवा बहुत ही कारगर है, इसके साथ ही अगर ऐसी बच्चों को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार होता है उसकी पहचान कर दवा देने के साथ ही एसकेएमसीएच रेफर किया जा रहा है.
जिले में एइएस को लेकर क्या तैयारी है, इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए केयर इंडिया को लगाया गया था. केयर इंडिया की टीम ने जब जिले के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया तो पाया कि वहां एसओपी के अनुसार दवा ही उपलब्ध नहीं है. इसके बाद केयर इंडिया ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंप दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सदर अस्पताल समेत पीएचसी में जो एइएस पीड़ित बच्चों के इलाज के लिये वार्ड बनाये गये हैं, उसमें एसओपी के अनुसार दवा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अगर एइएस पीड़ित बच्चे आते है तो उनका इलाज कैसे होगा. इस रिपोर्ट के बाद सीएस ने सदर अस्पताल के प्रबंधक व पीएचसी प्रभारियों से जवाब तलब किया है.