भागलपुर जिले में अपराधियों के बढ़े मनोबल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अलीगंज में सत्तू व्यापारी के घर लूटकांड के आठ घंटे के भीतर ही सबौर में चिकित्सक के घर डकैती हो गयी. दोनों घटनाओं के 50 घंटे से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भागलपुर पुलिस अपराधियों की पहचान नहीं कर सकी है. हालांकि पुलिस अपनी ओर से लगातार कार्रवाई कर रही है.
सबौर में हुई घटना को लेकर सबौर, घोघा और कहलगांव में अपराधियों के छिपे होने की आशंका में छापेमारी की गयी, तो दूसरी तरफ अलीगंज लूटकांड मामले में भागलपुर पुलिस ने बताये गये हुलिया के आधार पर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है.
बबरगंज थाना क्षेत्र के अलीगंज के सत्तू व्यापारी विभीषण साह के घर लूटकांड के ठीक आठ घंटे के अंदर सबौर स्थित चिकित्सक पूर्व आइएमए अध्यक्ष डॉ विश्वपति चटर्जी के घर डकैती की घटना में भागलपुर पुलिस जिले के लोगों को हैरत में डाल दिया. बबरगंज लूटकांड के मामले में स्थानीय गिरोह के शामिल होने की आशंका जतायी जा रही है, तो सबौर में स्थानीय व बाहरी अपराधियों के संयुक्त रूप से घटना को अंजाम देने के बिंदु पर जांच की जा रही है.
अलीगंज लूटकांड मामले में विशेष टीम अब तक आधा दर्जन संदिग्धों से पूछताछ की है, जबकि कई अन्य संदिग्ध अब तक फरार हैं, जिनका पता लगाया जा रहा है. सबौर में हुई डकैती मामले में भागलपुर पुलिस ने सबौर, घोघा और कहलगांव थाना क्षेत्र के कई इलाकाें में छापेमारी की, लेकिन अपराधियों का पता नहीं चल पाया है.
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चिकित्सक के घर डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के कहलगांव के रास्ते झारखंड सीमा में प्रवेश करने के बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है. भागलपुर पुलिस झारखंड पुलिस का सहयोग ले रही है. कुछ लोगों का मानना है कि घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी सबौर के ही दियारा इलाके में छिपे हैं.
आठ घंटे में जिले में लूटकांड व डकैती मामले को लेकर भागलपुर एसएसपी काफी गंभीर हैं. एसएसपी ने जिले के सभी थानेदारों को हाल में जेल से बाहर आये ऐसे अपराधी जो संपत्तिमूलक अपराध में जेल में बंद थे व कई ऐसे अपराधियों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है, जो संपत्तिमूलक अपराध के आदतन अपराधी हैं और जेल से बाहर हैं.