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Exclusive: गुल्लक सीजन 4 पर काम शुरू हो गया है- जमील खान

गुल्लक का तीसरा सीजन ओटीटी प्लेटफार्म सोनी लिव पर दस्तक दे चुका है. एक बार फिर मिश्रा परिवार की कहानी लोगों को लुभा रही है. मिश्रा परिवार के मुखिया जमील खान से इस नए सीजन और कैरियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत...

गुल्लक का तीसरा सीजन ओटीटी प्लेटफार्म सोनी लिव पर दस्तक दे चुका है. एक बार फिर मिश्रा परिवार की कहानी लोगों को लुभा रही है. मिश्रा परिवार के मुखिया जमील खान से इस नए सीजन और करियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…

गुल्लक का तीसरा सीजन आ गया है. जब पहला सीजन साइन किया था तो क्या सोचा था कि सफलता का ये इतना लंबा सफर तय करेगी?

इतनी ज़्यादा लोकप्रियता तो मैंने कभी नहीं सोची थी लेकिन हाँ पहला सीजन मज़ेदार था. करने में मज़ा आया तो ये उम्मीद थी कि लोगों को अच्छा लगेगा लेकिन इतना ज़्यादा पसंद आएगा कि दर्शक, क्रिटिक से लेकर हमारी इंडस्ट्री के लोग भी इसे पसंद करेंगे. इतने सारे अवार्ड्स मिल जायेंगे.ये सब नहीं सोचा था.

इस बार के सीजन की शूटिंग के वक़्त क्या सबसे बड़ा फर्क आपको महसूस हुआ?

कोई चीज़ जब कामयाब होती है तो उसके पीछे जो लोग हैं उनका भी हौंसला बढ़ता है.उसमें हाथ खुलता है जेब खुलती है.पैसे आ रहे हैं तो पैसे लगा रहे हैं तो उसमें तकलीफ किसी को नहीं है.जेहन में रहता है कि अच्छी चीज़ है तो इसको और अच्छा बनाये.कोई कमी न रह जाए. सीजन २ से बेहतर सीजन बनाने की कोशिश हुई है.

संतोष मिश्रा के किरदार से आप कितना जुड़ाव महसूस करते हैं

संतोष मिश्रा की जो मिडिल क्लास वैल्यू सिस्टम जो है. मैं उसको पसंद करता हूँ. संतोष मिश्रा की जो ईमानदारी ,सादगी और सरल स्वभाव है. छोटी छोटी चीज़ों में खुशियां ढूंढ लेने का उस किरदार का जो नज़रिया है. मैं भी उसी तरह से हूँ. यही वजह है कि कभी कभी लगता है कि जमील खान ही संतोष मिश्रा है और संतोष मिश्रा जमील खान है.सीजन दर सीजन आने से ये जुड़ाव और बढ़ गया है.

आपने अभी मिडिल क्लास वैल्यूज की बात की ,इंडस्ट्री में इतने साल रहने के बाद भी आप उससे किस तरह से इतना जुड़ाव महसूस कर पाते हैं

मेरा बचपन काफी खुशहाली में गुज़रा है. कभी तंगी नहीं रही थी.तंगी मैंने अपने प्रोफेशनल लाइफ में देखी.जब कॉलेज के बाद मैंने तय किया कि मैं अपने पैशन को फॉलो करूँगा. उस वक़्त भी घरवाले मदद के लिए तैयार थे लेकिन मैं मदद लेने को तैयार नहीं था. अपने दम पर कुछ करना चाहता था. मैंने ज़िन्दगी में उतार चढ़ाव देखें हैं. इंडस्ट्री का क्या है ना यहाँ पर मिडिल क्लास ही नहीं बल्कि हर वैल्यू सिस्टम बदलता है इसलिए जो चीज़ें अच्छी हैं उनको पीढ़ी दर पीढ़ी आगे ले जाना अच्छी बात है. जो दकियानूसी चीज़ें हैं. जो रिग्रेसिव सोच आपको पीछे ले जा रही है. उस सोच को मानना बंद कर देना चाहिए.समाज में लड़के लड़कियों को बराबर का दर्जा देना चाहिए इसी बात के साथ मैं ये भी कहूंगा कि पश्चिम की चीज़ों का अंधानुकरण भी नहीं करना चाहिए. उनकी प्रोग्रेसिव सोच को मानें लेकिन लड़की को एम्पॉवर दिखाने के लिए उसे सिगरेट और दारु पीते दिखाना मैं सही नहीं मानता हूँ. मर्द भी दारू और सिगरेट पीता है तो गलत है.

इन तीनो सीजन में एक्टर के तौर पर कोई दृश्य जो आपके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था

मेरा जो सस्पेंशन वाला दृश्य है. मैं निजी ज़िन्दगी में जल्दी निराश नहीं होता हूँ.मैं हमेशा सकारात्मक पहलु देखता हूँ कि यह ज़िन्दगी का हिस्सा है.संतोष मिश्रा जब सस्पेंड हो जाते हैं तो उसको प्ले करने में मुझे थोड़ी दिक्कत हुई. वो पूरा सीन मेरे लिए थोड़ा दिक्कतदेह हुई थी लेकिन शुक्र है कि वो दृश्य अच्छे से बनकर आये हैं.

मिश्रा परिवार की ऑनस्क्रीन बॉन्डिंग हम सभी को पता है ऑफ स्क्रीन बॉन्डिंग आप सभी की कैसी है

हमारी जैसी ऑन स्क्रीन बॉन्डिंग है, वैसी ऑफ स्क्रीन भी है. कभी कभी तो ऐसा होने लगता है कि ऑफ स्क्रीन की चीज़ीं ऑन स्क्रीन पर आने लगती है. खासकर जो मेरे दोनों बेटे बनें हैं.वो बहुत ही शैतान है. इनको कभी कभी बोलना पड़ता है कि सीन शुरू हो रहे हैं. मस्ती बंद करो.एक बार हो भी गया था ऐसा कि सेट पर कोई नाराज हो गया था कि भाई आपलोग सीरियस नहीं होते हैं तो फिर बताना पड़ा कि हम मस्ती ज़रूर कर रहे थे लेकिन वो सीन का ही हिस्सा था.कब सीन हो रहा है.कब मज़ाक हो रहा है.उसके बीच का जो फर्क है.वो बड़ा मुश्किल हो गया है.

गुल्लक 4 भी पाइपलाइन में है

मुझे लग रहा है कि होने वाला है. हमको आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है लेकिन मुझे लगता है कि सीजन 4 पर काम शुरू हो गया होगा.ये जो टीवीएफ वाले हैं, ये बड़े मज़ेदार किस्म के हैं. वो भी एक तरह से परिवार हो गए हैं.

एक एक्टर के तौर पर आप अपनी अब तक की जर्नी से कितने संतुष्ट हैं

मेरे करियर में कुछ पड़ाव ऐसे आते रहे हैं. जहाँ अच्छा काम किया. लोगों की नज़र मेरे काम पर पड़ी. मैं अपनी जर्नी से खुश हूँ लेकिन और अच्छे रोल्स के लिए आर्टिस्ट भूखा तो होता ही है.मैं भी हूं.जो काम आ रहा है उसी में से चुनाव करना पड़ेगा.मैं लेखक तो हूँ नहीं कि खुद अपने लिए कुछ तैयार करूं.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स कौन से हैं

बाबा ब्लैक शिप है. जो अमेज़न प्राइम पर रिलीज होगी. उसके बाद कुछ फिल्में हैं.

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