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Bihar News: मेवाड़ में मिलाकर खिला दी 40 नींद की गोलियां, फिर गला दबा कर दी हत्या, किसी को नहीं लगी भनक

Bihar News: बिहार के गोपालगंज जिला स्थित भोरे थाने के गरूडहां गांव के नंदलाल भगत की हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. नंदलाल की हत्या उसके घर से निकलने के कुछ ही देर बाद कर दी गयी थी. हत्या से पहले मेवाड़ में 40 नींद की गोलियां मिलाकर उसे खिला दी, फिर गला दबा कर उसकी हत्या कर दी.

बिहार के गोपालगंज जिला स्थित भोरे थाने के गरूडहां गांव के नंदलाल भगत उर्फ विद्या भगत हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. नंदलाल की हत्या उसके घर से निकलने के कुछ ही देर बाद कर दी गयी थी. उसकी हत्या अकेले ही सोनू चौहान ने की थी. नींद की 40 गोलियां खिलाने के बाद गला दबा कर उसकी हत्या की गयी थी. हत्या की साजिश 15 दिन पहले ही रची गयी थी. 15 दिनों में पूरी तैयारी करने के बाद घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस की पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो चुका है. पूछताछ के बाद पुलिस ने सोनू चौहान को जेल भेज दिया है. वहीं उसकी निशानदेही हत्या में प्रयुक्त सामान के साथ-साथ मृतक का मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया गया है.

15 दिन पहले ही रची गयी थी नंदलाल के हत्या की साजिश

नंदलाल भगत के हत्या की साजिश 15 दिन पहले ही रची गयी थी. दरअसल, नंदलाल भगत ने सोनू चौहान को दो बार में 70 हजार रुपये का कर्ज दिया था. इसमें से 30 हजार रुपये तो सोनू ने लौटा दिये थे, लेकिन 40 हजार का कर्ज चार साल में भी नहीं लौटा पाया. इधर, 40 हजार का चक्रवृद्धि ब्याज जोड़ कर नंदलाल ने रकम काे चार लाख कर दिया था. इसके साथ ही पैसे चुकाने का दबाव लगातार दे रहा था. इससे परेशान होकर सोनू चौहान ने 15 दिन पहले ही हत्या की साजिश रची थी, जिसे 30 अप्रैल को पूरा कर दिया.

16 मार्च को बगही रोड में लिया था किराये का कमरा, उसी में की हत्या

हत्या की साजिश को मूर्त रूप देने के लिए सोनू चौहान ने 16 मार्च को बगही रोड में स्थित पेट्रोल पंप के पास चौधरी जी के मकाने में 1500 रुपये पर एक किराये का कमरा लिया था. यह कमरा सिर्फ नंदलाल की हत्या में ही इस्तेमाल होना था. किसी को शक न हो, इसके लिए सोनू चौहान ने कमरे में एक चौकी रखी थी.

डॉक्टर का एक फर्जी पुर्जा बनवा कर ली नींद की गोलियां

नंदलाल की हत्या के लिए सोनू चौहान को नींद की गोली का इंतजाम करना था. इसके लिए उसने एक डॉक्टर का एक फर्जी पुर्जा बनवाया, जिसमें नींद की गोलियां लिखी थी. इसके बाद अलग- अलग मेडिकल स्टोर से 40 गोलियां खरीदी. 30 मार्च की सुबह सोनू चौहान नंदलाल से उसके घर पर मिला और भोरे में पैसे देने की बात कह कर उसे भोरे बुलाया. नींद की गोलियों के देने की खातिर उसने राजस्थानी मेवाड़ खरीदा था, जिसमें नींद की गोलियों को मिला कर पहले से रखा था. भोरे आने के बाद नंदलाल ने उसे अपने आने की जानकारी दी. बाद में सोनू उसे कमरे पर ले गया और मेवाड़ पिला दिया. इसके पीते ही वो अचेत हुआ. इसके बाद सोनू ने पास रखे रस्सी से उसके हाथ पैर को बांध कर चौकी पर लिटा दिया. फिर आंख और मुंह पर टेप चिपका कर उसकी गला दबा कर हत्या कर दी.

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12 घंटे तक कमरे में ही पड़ा रहा शव

दोपहर के 12 बजे हत्या करने के बाद उसके शव को कमरे में ही छोड़ कर सोनू बाहर निकल गया था. उसे रात होने का इंतजार था. पूरे दिन भोरे में घूमते हुए उसने पहले नंदलाल की साइकिल और मोबाइल फोन को ठिकाने लगाया था. इसके बाद शाम में वो अपने घर चला गया. जहां से भोरे में ही अपने दूसरे कमरे पर आकर रात होने का इंतजार करने लगा. रात होते ही शव को कमरे से निकाल कर छत पर ले गया और वहां से नीचे गिरा दिया. बाद में गेहूं के खेत से घसीटते हुए शव को टुनटुन सिंह के बगीचे में ले जा कर दफना दिया था.

सीडीआर से हुआ हत्याकांड का खुलासा

31 मार्च को अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस को पहला शक सोनू चौहान पर ही था. पुलिस उसे 31 मार्च को हिरासत में ले चुकी थी. लेकिन नंदलाल के परिजनों के कहने और साक्ष्य के अभाव में पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. बाद में जब नंदलाल का सीडीआर आया, तो पूरा मामला खुल गया. पुलिस ने सोनू चौहान को गिरफ्तार करने बाद सख्ती से पूछताछ की, तो पूरा मामला सामने आ गया.

इनपुट:- सुरेश कुमार राय

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