रांची: स्कूलों में विद्यार्थियों को मिलनेवाले मिड डे मील (एमडीएम) की निगरानी अब विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी करेंगे. मिड डे मील को पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना के रूप में तब्दील करने के बाद केंद्र के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विवि के कुलपति, कॉलेजों के प्राचार्यों व संस्थानों के निदेशक को पत्र भेजकर इस दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
यूजीसी के सचिव प्रो रजनीश जैन के अनुसार, प्रथम चरण में सभी विवि व कॉलेजों में होम साइंस, सीएनडी, न्यूट्रिशन व फूड से संबंधित कोर्स पढ़नेवाले विद्यार्थी स्कूलों में चलनेवाले पीएम पोषण योजना (एमडीएम) की निगरानी करेंगे. विवि के विद्यार्थी स्कूलों में जाकर देखेंगे कि मिड डे मील के तहत खाना बन रहा है या खाने के लिए जो सामान मिल रहे हैं, उसमें पोषण की सही मात्रा है या नहीं. इसके तहत विद्यार्थियों को संबंधित स्कूलों में जाना होगा.
विद्यार्थियों का यह काम प्रैक्टिकल अंतर्गत फील्ड वर्क में जुटेगा अौर इसके लिए अंक निर्धारित होंगे. विद्यार्थी यह भी देखेंगे कि खाने की व्यवस्था के बाद बच्चों की सेहत पर क्या असर पड़ रहा है. खाना बनाने के लिए उपयोग में लाये जा रहे सामान व खाना की गुणवत्ता कैसी है? सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड व मेन्यू का पालन हो रहा है या नहीं. विद्यार्थी इससे संबंधित रिपोर्ट भी तैयार करेंगे. इसके आधार पर अंक मिलेंगे. यूजीसी की ओर से रिपोर्ट तैयार करने के लिए फॉर्मेट दिया गया है. किसी भी जानकारी के लिए यूजीसी के संयुक्त सचिव सह योजना के नोडल अफसर आरसी मीणा से संपर्क किया जा सकता है.
Posted By: Sameer Oraon