रांची: झारखंड सरकार खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में दो प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देगी. वहीं शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए खिलाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होगा. झारखंड सरकार ने नयी खेल नीति 2022 का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. अगली कैबिनेट में यह प्रस्ताव आने की संभावना है.
प्रस्ताव में स्वस्थ झारखंड-खुशहाल झारखंड की दृष्टि रखी गयी है. साथ ही देशज व पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. सरकार ने राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया है. जिसमें ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा. ओलंपिक एवं शीत ओलंपिक में गोल्ड लाने पर दो करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है. खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जायेगा.
नीति में खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति के माध्यम से नौकरी देने की बात कही गयी है. राज्य सरकार द्वारा मान्य खेलों मुख्य रूप से ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम एवं एशियन गेम्स में सम्मिलित खेल के उदीयमान खिलाड़ी अथवा राज्य में पद एवं राष्ट्रीय भागीदारी करनेवाले खिलाड़ी को खेल छात्रवृत्ति दी जायेगी. जिसमें सीनियर खिलाड़ी को छह हजार रुपये, जूनियर खिलाड़ी को 3500 रुपये व सब जूनियर खिलाड़ी को 2500 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे.
राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी खेल सामग्री के लिए दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक दिये जायेंगे. राज्य के अर्जुन अवार्ड, द्रोणाचार्य, ध्यानचंद अवार्ड प्राप्त खिलाड़ी,ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी और कॉमनवेल्थ व एशियन गेम के पदक विजेता, जो अब खेल में नहीं हैं, उन्हें आजीवन 10 हजार मासिक पेंशन एवं मृत्यु के उपरांत उनके आश्रित को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी.
नीति में विभिन्न प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं के लिए सम्मान राशि देने का भी प्रावधान किया गया है. ओलंपिक एवं शीत ओलंपिक में गोल्ड लाने पर दो करोड़, रजत को एक करोड़ व कांस्य को 75 लाख तथा प्रतिभागी खिलाड़ी के लिए पांच लाख रुपये के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है.
इसी प्रकार विश्व कप से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल पदक विजेताओं के लिए अधिकतम 20 लाख से लेकर सात हजार रुपये तक के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है. प्रशिक्षकों के लिए भी अधिकतम 10 लाख रुपये और न्यूनतम 50 हजार रुपये के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है. खेल संघों को भी एक करोड़ से लेकर तीन लाख पुरस्कार का प्रावधान किया गया है.
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डे-बोर्डिंग या क्रीड़ा किसलय केंद्र की स्थापना प्रखंड स्तर पर जायेगी. यहां मिनी स्टेडियम की व्यवस्था की जायेगी.
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हर गांव में सिदो-कान्हो युवा खेल क्लब बनेगा, साल में 25-25 हजार रुपये दिये जायेंगे.
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स्कूल में पढ़नेवाले अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खिलाड़ियों को उपस्थिति में 25% और 15% की छूट दी जायेगी
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हर वर्ष विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर खेल प्रतियोगिता आयोजित प्रतिभा खोज की जायेगी.
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हर पंचायत में एक खेल मैदान का निर्माण होगा, जिसमें प्रशिक्षक भी रहेंगे.
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जिला स्तर पर आवासीय खेल परिसर का निर्माण होगा. प्रखंड से चुने गये खिलाड़ियों के लिए आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी.
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वैसे जिला/प्रमंडल जिसमें जिस खेल की प्राथमिकता हो, वहां एकलव्य खेल अकादमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी. चयनित उत्कृष्ट खिलाडियों को यहां प्रशिक्षण दिया जायेगा.
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ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में खेल संरचना का विकास किया जायेगा.
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राज्य में सभी खिलाड़ी, प्रशिक्षक एवं संसाधन का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जायेगा.
Posted By: Sameer Oraon