रांची: कोविड के कारण राज्य के स्कूल दो साल तक बंद रहे. इससे पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा तीन तक के 15 लाख बच्चों के लिए सरकार अतिरिक्त कक्षा संचालन करेगी. बच्चों को स्कूल के अलावा दो घंटे अलग से आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाया जायेगा. यहां आंगनबाड़ी सेविकाएं बच्चों को पढ़ायेंगी. यह निर्णय मंगलवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की हुई बैठक में लिया गया.
राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा तीन तक लगभग 15 लाख बच्चे नामांकित हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसे लेकर प्रस्ताव तैयार करेगा. बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा, समाज कल्याण विभाग के सचिव अविनाश कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक एक के डोडे, झाशिप निदेशक किरण कुमारी पासी, झाशिप के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अभिनव कुमार समेत अन्य लोग शामिल थे.
राज्य में 35 हजार स्कूलों को एक-एक आंगनबाड़ी से जोड़ा जायेगा. स्कूल के बाद बच्चे दो घंटे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई करेंगे. कक्षा संचालन का समय तीन से पांच बजे तक का हो सकता है. समय निर्धारण को लेकर अंतिम निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया जायेगा. कक्षा संचालन को लेकर आंगनबाड़ी सेविका को अलग से प्रशिक्षण दिया जायेगा. राज्य में लगभग 38 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं. कक्षा संचालन के लिए जगह निर्धारण पर भी अंतिम निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया जा सकता है. जिस आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के बैठने की पर्याप्त सुविधा नहीं होगी, वहां स्कूल में भी कक्षा संचालन हो सकता है.
आंगनबाड़ी की वैसी सेविका, जो मैट्रिक पास नहीं हैं, उन्हें कक्षा लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी. स्थानीय स्तर पर आवश्यकता अनुरूप कक्षा संचालन के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक को मौका दिया जा सकता है. इसके अलावा शिक्षकों की भी सेवा लेने पर विचार की जा सकती है.
कक्षा का संचालन छह माह तक किया जायेगा. इसके लिए दो हजार रुपये प्रति माह मानदेय देने पर विचार हो रहा है. कक्षा संचालन ज्ञानसेतु के तहत उपलब्ध करायी गयी पाठ्य पुस्तक से किया जायेगा. ज्ञान सेतु के तहत बच्चों के शैक्षणिक स्तर को कक्षा अनुरूप करने के लिए कक्षा संचालन किया जाता है.
Posted By: Sameer Oraon