बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भारती (Divya Bharti) के निधन को आज कई वर्ष पूरे हो चुके है. हालांकि उनके निधन की गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इतनी मशहूर एक्ट्रेस कैसे 19 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह सकती है. आपको बता दें कि दिव्या की मुंबई में अपने घर की बालकनी की पांचवी मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी. उनकी मृत्यु के वर्षों बाद, साजिद और वर्दा ने नवंबर 2000 में शादी के बंधन में बंध गए थे.
जानकारी के अनुसार दिव्या भारती चेन्नई से शूटिंग करके 5 अप्रैल 1992 आई थी. उसके अगे ही दिन अभिनेत्री को फिर से दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए निकलना था. कहते है न जब मौत बुलाती है, तो इंसान का खुद पर बस नहीं रहता है, यही दिव्या भारती के साथ हुआ. दिव्या ने अपनी शूटिंग की डेट को आगे बढ़ा दिया. बाद में नीता अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या के घर पहुंची. तीनों ने मिलकर शराब की पार्टी की.
इसी बीच शराब का नशा दिव्या पर बुरी तरह चढ़ गया और वह ड्रॉइंग रूम में बैठे मेहमानों से बात करते हुए अपार्टमेंट की विंडों की रेलिंग में बैठ गईं. घर पर उनके साथ उनकी नौकरानी अमृता भी मौजूद थीं जो बचपन से दिव्या के साथ थीं. इसी दौरान बात करते करते दिव्या का बैलेंस बिगड़ गया और वह सीधे बालकनी से नीचे गिर गई. दिव्या पीठ के बल गिरी थीं, लेकिन एंबुलेंस आने तक वो जिंदा थीं. उन्हें आनन-फानन में कपूर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक्ट्रेस को मृत घोषित कर दिया.
दिव्या भारती की यूं अचानक मौत ने पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया. सभी ने एक्ट्रेस की मौत को मर्डर बताया था. दिव्या की मां ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दिव्या को गुस्सा बहुत आता था. वह गुस्से में खुद को हर्ट करती थी. उन्होंने यह भी कहा था कि दिव्या ने मौत से पहले सिगरेट से खुद को जलाया था.
दिव्या की मौत के बाद उनकी मां ने बताया था कि दिव्या रोज उनके सपनों में आकर उन्हें जगाती थीं. उनकी मां के अलावा दिव्या की स्टोरी कवर कर रहीं पत्रकार वर्धा खान के भी सपने में दिव्या आती थी और कुछ कहने की कोशिश करती थी.
2020 में, वर्दा ने बॉलीवुड हंगामा को बताया कि साजिद अभी भी दिव्या के परिवार के साथ एक करीबी रिश्ता साझा करता है. “साजिद इतने करीब हैं, साजिद पिता के बेटे की तरह हैं, मम्मा (दिव्या की मां) के निधन के बाद. आप सोच भी नहीं सकते कि पापा और साजिद कितने करीब हैं. कुणाल और साजिद… भाइयों की तरह ही बात करते हैं. और मैंने कभी उसकी जगह लेने की कोशिश नहीं की. मैंने अपनी जगह बना ली है.
दिव्या ने तेलुगु फिल्म बोब्बिली राजा (1990) में वेंकटेश के साथ मुख्य भूमिका के साथ अपनी शुरुआत की, उसके बाद नीला पेनी और राउडी अल्लुडू ने काम किया. 1992 में, उन्होंने विश्वात्मा (1992) से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की. उन्होंने दिल का क्या कसूर, शोला और शबनम, दीवाना, बलवान, दिल आशना है, दुश्मन जमाना जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया.उनकी दो फ़िल्में, रंग और शत्रुंज 1993 में मरणोपरांत रिलीज हुईं.