Mathura News: ठाकुर बांके बिहारी के भक्तों के किस्से रोजाना ही सुनने को मिल जाते हैं. एक ऐसा ही किस्सा इस बार सामने आया, जिसमें एक भक्त ने बांके बिहारी को अपने बिजनेस में हिस्सेदार बना दिया. मुनाफे की रकम का कुछ हिस्सा जो कि करोड़ों में है बांके बिहारी के नाम कर दिया लेकिन भक्त ने मंदिर ट्रस्ट को उसका नाम उजागर करने से मना कर दिया. ठाकुर बांके बिहारी के कारोबारी साझेदार की बात का मान रखते हुए ट्रस्ट ने किसी को भी भक्त के बारे में जानकारी नहीं दी.
मथुरा में स्थित ठाकुर बांके बिहारी की महिमा अपने आप में निराली है. जो भी भक्त एक बार उनका दर्शन करता है तो वह अपने आप को उनकी भक्ति में डूबने से रोक नहीं पाता. वहीं, जो भक्त सच्चे मन से बांके बिहारी की भक्ति करता है उसको बांके बिहारी धन-धान्य और सुख समृद्धि से भरपूर कर देते हैं. दिल्ली के एक ऐसे ही कारोबारी ने अपने फर्म के मुनाफे का कुछ हिस्सा बांके बिहारी के नाम कर दिया. दरअसल, दिल्ली के रहने वाले इस कारोबारी की पांच फ़र्म हैं. कारोबारी ने इन सभी फर्मो में कुछ अंश का पार्टनर बांके बिहारी को बना रखा है. वित्तीय वर्ष के अंत में कारोबारी की सभी कंपनियों को जो भी लाभ होता है. उनके हिस्से के अनुसार कारोबारी वह सब ठाकुर जी के नाम कर देता है.
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दिल्ली के कारोबारी को इस बार अप्रैल में जो भी मुनाफा हुआ उसका कुछ अंश उसने ठाकुर जी के नाम कर दिया. कारोबारी ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट में ढाई करोड़ रुपए का चेक जमा कराया. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन ने बताया कि कारोबारी ने अपना नाम गुप्त रखने की अपील की है. इसलिए उसका नाम उजागर नहीं किया जा सकता लेकिन इतना बताया कि वह व्यापारी ऑटो पार्ट्स का काम करता है.
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यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जबकि इससे पहले भी कई भक्तों ने ठाकुर बांके बिहारी को अपनी कंपनी में हिस्सेदार बना रखा है. और समय-समय पर मुनाफे की रकम का कुछ हिस्सा भक्त बांके बिहारी के चरणों में अर्पित करते हैं. दिल्ली के खारी बावली बाजार से रोज रात में एक श्रद्धालु सारे व्यापारियों की दुकान की चाबी लेकर मथुरा के लिए निकलता है. सुबह ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की देहरी पर चाबी अर्पित की जाती है और फिर चाबियां लेकर दिल्ली चला जाता है इसके बाद ही दुकान खुलती हैं.
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स्पेशल स्टोरी : राघवेंद्र गहलोत