रांची: सरहुल पर पाहनों ने सरना स्थल पर पिछली रात रखे गये घड़ों के पानी का स्तर देखकर बारिश का पूर्वानुमान लगाया. हातमा मौजा में जगलाल पाहन ने कहा है कि इस साल बारिश सामान्य है. उत्तर दिशा की ओर से बारिश ज्यादा होने की संभावना है. पूजा के क्रम में उन्होंने सबके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की.
साथ ही प्रकृति के प्रति अपनी गलतियों के लिए क्षमा भी मांगी. मुख्य पूजा के दौरान सृष्टिकर्ता, सिंगबोंगा के लिए सफेद, हातु बोंगा (ग्राम देवता) के लिए लाल, इकिर बोंगा (दरहा-देशाउली) के लिए माला मुर्गा व हड़म बूढ़ी (पूर्वजों) के लिए रंगली मुर्गी की बलि दी गयी. वहीं, भूत-प्रेत को शांत करने के लिए काली मुर्गी की बलि भी दी गयी.
मंगलवार को फूलखोंसी होगी. पाहन घर में पूजा पाठ कर फूलखोंसी के लिए निकलेंगे. गांव के तमाम लोगों के घर जाकर फूल लगायेंगे.
सरहुल पर्व किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वैश्विक महामारी से गुजरते दौर में भी पारंपरिक रीति-रिवाजों को आगे बढ़ाना होगा. डॉ रामदयाल मुंडा ने कहा था कि आदिवासी का बोलना और चलना ही संगीत है. उसी तरह आदिवासी समाज द्वेष व घृणा से कोसाें दूर हैं. ये बातें सीएम हेमंत सोरेन ने सोमवार को सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में कहीं.
Posted By: Sameer Oraon