russia ukraine war : यूक्रेन पर हमला करने का प्रभाव रूस में नजर आने लगा है. दरअसल रूस में यूक्रेन पर युद्ध के कारण पश्चिम देशों द्वारा लगाए प्रतिबंधों से आपूर्ति बाधित होने से पहले अहम दवाओं का भंडार करने के संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. मॉस्को और अन्य शहरों में कुछ दवाएं मिलना वास्तव में मुश्किल हो गया है. कजान के एक निवासी ने बताया कि शहर के एक भी दवाघर में ये दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. रूस में विशेषज्ञ और स्वास्थ्य प्राधिकारियों का कहना है कि दवाओं की कमी अस्थायी है और यह घबराकर दवाएं खरीदने और प्रतिबंधों के कारण आपूर्तिकर्ताओं के लिए साजोसामान संबंधी मुश्किलों के चलते हुआ है. लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जतायी कि उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं रूसी बाजार से गायब रहेंगीं.
मॉस्को की पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. एलेक्सी एरलिख ने कहा कि संभवत: इनकी कमी होगी. मैं नहीं जानता कि यह कितना विनाशकारी होगा. मार्च के शुरुआत में ही रूसियों को दवाघरों पर कुछ दवाएं न मिलने की खबरें आने लगी थी. रूस के डैगेस्टन क्षेत्र में मरीजों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ‘पेशेंट्स मॉनिटर’ के प्रमुख जियाउदिन उवेसोव ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र के कई सरकारी दवाघरों पर निजी तौर पर 10 सबसे ज्यादा वांछित दवाओं की उपलब्धता का पता किया था और ‘‘उनके पास बहुत अधिक संख्या में ये दवाएं नहीं बची थीं.”
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मार्च के अंत तक आते-आते विभिन्न शहरों के कई लोगों ने बताया कि उन्होंने थायरॉइड की दवाओं, इन्सुलिन या बच्चों के लिए दर्द निवारक सिरप की तलाश में कई दिन बिता दिए हैं. कुछ का कहना है कि उन्हें कहीं पर भी ये दवाएं नहीं मिलीं. रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरोश्को ने बार-बार आश्वासन दिया है कि देश में दवाओं की उपलब्धता समस्या नहीं है और उन्होंने इनकी किसी भी तरह की कमी के लिए घबराकर इनका भंडार करने को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि हाल के हफ्तों में कुछ दवाओं की मांग दस गुना बढ़ गयी है और उन्होंने रूसियों से दवाओं की जमाखोरी न करने का अनुरोध किया है.