पटना. बिहार विद्यापीठ परिसर में बने 42 मकानों और 15 दुकानों को डीएम के आदेश पर प्रशासन की टीम ने रविवार को तोड़ दिया. रविवार को दिन भर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया. सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक करीब नौ घंटे तक प्रशासन की टीम ने लिस्ट के मुताबिक एक-एक मकान और दुकान पर बुलडोजर चला कर तोड़ दिया. एडीएम विधि व्यवस्था के नेतृत्व में चले इस अभियान में किसी तरह का विरोध नहीं हो इसके लिए करीब 200 पुलिस कर्मियों को तैनात किया था.
पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो गयी. डीएम के पास बिहार विद्यापीठ परिसर में अतिक्रमण मामले की सुनवाई चल रही थी, शुक्रवार को डीएम ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. शनिवार को इन आवासों में रहने वालों को 24 घंटे के अंदर खाली करने को कहा गया था. इसकी सूचना देने के बाद प्रशासन की टीम ने रविवार को तोड़-फोड़ की कार्रवाई शुरू की.
बिहार विद्यापीठ में अतिक्रमण का मामला पटना हाइकोर्ट तक पहुंच चुका है. हाइकोर्ट में अभी भी बिहार विद्यापीठ मामले की सुनवाई चल रही है. इस परिसर में रहने वालों को जिन्हें बिहार विद्यापीठ अतिक्रमणकारी मानता था उनका कहना था कि वे तो किराये पर रह रहे हैं.
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मौलाना मजहरूल हक के वंशजों का दावा है कि बिहार विद्यापीठ का वर्तमान ट्रस्ट ही अवैध है और वे इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. बिहार विद्यापीठ 32 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. उनके वंशजों ने इस कार्रवाई पर कहा कि बिहार विद्यापीठ परिसर में प्रशासन ने जिन इमारतों को तोड़ा है उसमें कई ऐतिहासिक इमारतें थी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan