पटना. डीजीपी एसके सिंघल शुक्रवार की शाम को पुलिस मुख्यालय से एडीजी समेत अन्य अधिकारियों के साथ निकले और सीधे शहर के अति व्यस्त और प्रमुख थानों में एक गांधी मैदान थाना पहुंचे. औचक निरीक्षण के तौर पर पहुंची डीजीपी की पूरी टीम को देखकर थाने में थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. फिर स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर थाने की जांच शुरू हुई.
डीजीपी ने सबसे पहले स्टेशन डायरी मांगी और इसकी जांच की, तो यह अपडेट नहीं पायी गयी. नियमानुसार इसे हर दो घंटे पर अपडेट करना है. परंतु यह कई घंटों से अपडेट ही नहीं हुई थी. इसके अलावा कुछ केस से जुड़ी जांच रिपोर्ट की पड़ताल करने पर भी इसमें भी गड़बड़ी पायी गयी. इसके बाद यहां के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार वत्सय को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया.
गांधी मैदान थाना में ऑन-स्पॉट हुई निलंबन की यह कार्रवाई थाना में मौजूद अन्य सभी पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर मिलने वाला बड़ा परिणाम था. डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों ने थाने की हालत और बाहर पड़े गाड़ियों के जमावड़े की दयनीय हालत पर सख्त आपत्ति दर्ज करायी. सभी कर्मियों को इसे तुरंत सुधारने और थाने की खासतौर से सफाई कराने का आदेश दिया.
डीजीपी ने थाना के अंदर और बाहर पूरे परिसर को खासतौर से साफ-सुथरा रखने को कहा. कहीं से गंदगी नहीं रहनी चाहिए. थाना के पैसेज पर सिपाहियों के सोने और सामानों को फैलाकर रखने की आदत को सुधारने की भी सख्त हिदायत दी. थाना हर हाल में साफ-सुथरा होना चाहिए. यहां आने वाले लोगों के लिए मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया, जो भी संतोषजनक नहीं पाये गये. राज्य का सबसे पहला लिफ्ट वाले इस थाने की लिफ्ट भी बंद थी. साथ ही इसमें गंदगी भी काफी थी. इस पर एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने इसे तुरंत ठीक करवाने और इसे हर हाल में चालू रखने का निर्देश दिया.
इसके बाद पास में मौजूद गांधी मैदान ट्रैफिक थाना का भी डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया. यहां के थाना प्रभारी को भी अव्यवस्था और गंदगी के कारण जोरदार डांट पड़ी. साथ ही स्थिति को तुरंत सुधारने की हिदायत भी दी गयी. इस दौरान अधिकारियों ने जब्त गाड़ियों की निलामी कराकर पूरे परिसर को जल्द खाली कराने को लेकर विचार-विमर्श किया. साथ ही थाना परिसर को तुरंत खाली कराकर साफ कराने का इंतजाम किया गया. इस दौरान एडीजी (सीआइडी) जितेंद्र कुमार, एडीजी (विधि-व्यवस्था) संजय कुमार सिंह, आइजी राकेश राठी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
इस मौके पर डीजीपी ने कहा कि अब पुलिस मुख्यालय स्तर के कोई न कोई अधिकारी शहर के किसी न किसी थाने का औचक निरीक्षण करेंगे. इस दौरान थाने की समुचित जांच की जायेगी और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत फैसला लिया जायेगा. राज्य में अपराध पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए और थाना को मुस्तैद रखने के लिए यह कवायद की जा रही है. जिलों में भी एसपी को औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में पहले की तुलना अपराध कम हुए हैं. एक-दो अपराध होते हैं, उसे ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है.