Jharkhand News, विवेक चंद्र, रांची: टाना भगत की 16 वर्षीया बेटी को कश्मीर ले जाकर बेच दिया गया है. श्रीनगर में कार्यरत शान प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उसे अनंतनाग जिले के गांदरबल में डॉक्टर दंपती के यहां घरेलू कार्य के लिए रखा गया है. उसके पिता ने लापुंग थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा है कि 26 मार्च को ही बेटी ने साईं मंदिर सरसा लापुंग के प्रबंधक मनोज उरांव को फोन कर जान बचाने की गुहार लगायी थी. उसने बताया था कि उसे बंधक बनाकर रखा गया है. घर जाने की जिद करने पर उसके फोन और सिम कार्ड छीन लिये गये.
प्लेसमेंट एजेंसी ने कश्मीर पहुंचाया : प्रभात खबर ने किशोरी से फोन पर संपर्क किया. उसने बताया कि वह रांची में घरेलू काम करने के लिए अपने गांव से आयी थी. यहां एक युवक के माध्यम से वह शान प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आयी. प्लेसमेंट एजेंसी ने उसे कश्मीर के गांदरबल में एक घर में ले जाकर छोड़ दिया. वापस जाने की जिद करने पर घरवाले उसे प्लेसमेंट एजेंसी को ही सौंपने की बात करते हैं. घरवालों के बाहर होने के कारण वह फोन पर बात कर पा रही है.
हालांकि, उसने घर वालों द्वारा किसी भी तरह की प्रताड़ना देने की बात से इनकार किया. उसने कहा कि फोन और सिमकार्ड लेने के अलावा घरवालों ने उसे कोई अन्य तकलीफ नहीं दी है. उसने बताया कि घर पर फोन करने के बाद कुछ कश्मीरी लोगों ने उससे संपर्क किया है. वह लोग उसकी मदद कर रहे हैं. उसे आश्वस्त किया गया है कि एक-दो दिनों में उसे उसके घर पहुंचा दिया जायेगा.
काम के बदले नहीं मिल रहा पैसा : किशोरी ने बताया कि काम करने के एवज में उसे कोई राशि नहीं मिल रही है, जबकि प्लेसमेंट एजेंसी को हर महीने डॉक्टर दंपती रुपये देते हैं. उसने बताया कि घर वालों के मुताबिक वह प्लेसमेंट एजेंसी से एक वर्ष के लिए ली गयी है. इसके बदले में प्लेसमेंट एजेंसी को 70 हजार रुपये कमीशन और छह हजार रुपये हर महीने भुगतान किया जाता है. उसने बताया कि उसके पहले भी उस घर में शान प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा काम करने के लिए लड़की भेजी गयी थी. समय पूरा होने पर वह लोग उस लड़की को ले गये.
Posted by: Pritish Sahay