Lakhimpur Kheri Case: यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत का मामला उलझता जा रहा है. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की है. रिटायर्ड जस्टिस राकेश कुमार जैन ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत के मामले में यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है. वहीं अब इस मामले में किसान नेता राकेश टिकैट का बड़ा बयान सामने आया है, उन्होंने सरकार पर भी सवालिया निशान लगा दिया है.
किसान नेता राकेश टिकैट ने गुरूवार को कहा कि मंत्री पुत्र के खिलाफ एसआईटी ने रिपोर्ट भेजी, सरकार ने विरोध किया. राकेश टिकैट ने ये आरोप लगाते हुए कहा कि माना सबूतों से छेड़छाड़ हुई, फिर भी जमानत मिली. घायलों को मुआवजा मिला न न्याय. सुप्रीमकोर्ट की जवाबतलबी बता रही है कि कानून- राजनीति का गठजोड़ कितना पक्का है. आम आदमी न्याय की आस किससे करे?
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बता दें कि लखीमपुर खीरी कांड की जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने जमानत रद्द कराने के लिए इसे चुनौती देने की सिफारिश की थी. बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने यूपी सरकार से निगरानी समिति की सिफारिश के बावजूद जमानत को चुनौती नहीं देने पर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई निगरानी समिति ने यूपी सरकार से कहा था कि वह आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे. सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा की जमानत निरस्त करने की अर्जी पर आगे सुनवाई 4 अप्रैल को तय की है.